“स्किल इंडिया” के तहत सरकारी स्कूल में नियुक्त तकनीकी शिक्षकों ने लगाई मुख्यमंत्री से गुहार

करनाल (हरियाणा) : स्किल इंडिया के नाम पर जरूरतमंद तकनीकी शिक्षकों के भविष्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। मजे की बात यह है कि यह खिलवाड़ सरकार ही नहीं, बल्कि टीचरों की भर्ती का ठेका लेने वाली निजी कंपनियां भी महिला शिक्षकों को बेरोजगार बना कर उन्हें सड़क पर ला रहे हैं। अब तकनीकी शिक्षकों ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है कि उनका भविष्य न खराब किया जाए और उन्हें वापस नौकरी पर रखा जाए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि निजी कंपनियों का डिप्लोमा मान्य नहीं है ये कह कर उन्हें नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा रही हैं।  उन्होंने यह भी दावा किया है कि जिस क्राइटएरिया के तहत उन्हें रखा गया था वह क्राइटएरिया ही अब बदल दिया गया है।

प्रदेश के कई जिलों से तकनीकी महिला शिक्षक बुधवार को भाजपा नेता अमरेंद्र सिंह अरोड़ा के पास गुहार लगाने पहुंची और उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा। पानीपत की रहने वाली सोनल और दूसरे जिलों से आई पूजा रानी, अलका, सुनीता खरकाली तथा सोनल बत्तरा, हीना, स्वाति, सुषमा देवी, लीलावती, मनीषा, ज्योति वर्मा, रूबी सैनी, आरती चौहान, मीनाक्षी, ममता रानी, राधा रानी और पिंकी चौहान समेत अन्य तकनीकी महिला शिक्षकों ने बताया कि सरकार ने स्किल इंडिया प्रोजेक्ट के तहत सरकारी स्कूलों में दो-दो तकनीकी शिक्षक नियुक्त किए थे। यह नियुक्ति क्राइटएरिया बेस पर एक साल के लिए की गई थी। इस दौरान भर्ती करने का ठेका इंडस समेत अन्य निजी कंपनियों को दिया गया, लेकिन अब यह कंपनियां तकनीकी शिक्षकों के साथ खिलवाड़ कर रही हैं। उन्होंने 50 से अधिक शिक्षकों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।

इन महिला शिक्षकों ने यह भी बताया कि इंडस कंपनी ने रीतू शर्मा नाम की एक महिला को को-ऑर्डिनेटर बनाया है जो अपने पति मनिंद्र के साथ मिलकर धोखाधड़ी कर रही है। उन्होंने कहा कि उनके पास सबूत के लिए रिकार्डिंग मौजूद है, जिसमें मनिंद्र पैसे भी मांग रहा है और फिर मनपसंद स्टेशन देने की बात करता है। उन्हें अब यह कहा जा रहा है कि सरकार ने क्राइटएरिया बदल दिया है और जो डिप्लोमा उनके पास है वह वैध नहीं है। उन्होंने यह भी शिकायत की कि उक्त लोग पैसे लेकर नकली डिप्लोमा बना कर दूसरों को रख रहे हैं, जिसकी सरकार कोई जांच नहीं कर रही। उन्होंने कहा कि वह सभी गरीब परिवार से संबंध रखती हैं, जिनमें विधवा भी मौजूद हैं।

नौकरी ही उनके जीवन का आधार थी। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस मामले की जांच करवाई जाए और पिछली तिथियों में डिप्लोमा बनाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए और उन्हें दोबारा स्किल सब्जेक्ट के तहत रोजगार मुहैया करवाया जाए। इस दौरान भाजपा नेता अमरेंद्र सिंह अरोड़ा ने आश्वासन दिया कि उनकी बात मुख्यमंत्री तक पहुंचाई जाएगी और मुख्यमंत्री इस मामले में खुद दखल अंदाजी करके इस मामले की जांच करवाएंगे। इस अवसर पर यादवेंद्र सिंह तथा बब्बू अरोड़ा भी मौजूद थे।

Note: News shared for public awareness with reference from the information provided at online news portals.