13 हजार महादलित युवाओं का होगा कौशल विकास

पटना : बिहार सरकार दशरथ मांझी कौशल विकास योजना का नए सिरे से क्रियान्वयन करेगी। श्रम संसाधन विभाग को योजना के क्रियान्वयन के लिए अधिकृत किया गया है। राशि और ट्रेनिंग के लिए महादलित युवक- युवतियों के नाम की सूची अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा। इससे पहले अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग द्वारा दिवंगत ‘पहाड़ पुरुष’ दशरथ मांझी की स्मृति में लागू ‘कौशल विकास योजना’ की शुरुआत हुई थी। लेकिन सीएम के निर्देश पर अब यह योजना श्रम संसाधन विभाग के हवाले कर दिया गया है। इस वर्ष योजना के तहत 13000 महादलित युवक और युवतियों को हुनरमंद करने का लक्ष्य है। इसे निदान, आइआइएम और ईसीआइएल संगठनों के माध्यम से जिलों में शुरू किया गया है।

इन ट्रेडों में ट्रेनिंग की व्यवस्था

डीटीपी और इंटरनेट, इलेक्ट्रिकल वायरिंग, कम्प्यूटर अकाउंटिंग, भवन निर्माण, साइट सपोर्ट, सिक्योरिटी गार्ड, मोबाइल रिपेयरिंग, ब्यूटीशियन कोर्स, हॉस्पिटाल्टी और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट।

रिपेयरिंग के लिए इंटर जरूरी

मोबाइल रिपेयरिंग के लिए अभ्यर्थी को इंटरमीडिएट पास होना चाहिए। पटना, गया, नालंदा और भागलपुर को इसके लिए चुना गया है। ब्यूटीशियन कोर्स केवल मुजफ्फरपुर में संचालित है। छह महीने के इस कोर्स के लिए योग्यता आठवीं पास है। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के लिए पांचवी पास योग्यता है। इसे पटना जिले में ही लागू किया गया है।

संतोष कुमार निराला, मंत्री, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग ने कहा कि नौ ट्रेड को रोजगारपरक ट्रेनिंग के लिए चुना गया है, जिसमें महादलित युवक- युवतियों को ट्रेनिंग दी जाएगी। योजना का पूरे बिहार में विस्तार दिया जाएगा। योजना श्रम संसाधन विभाग के अधीन संचालित होगी। शीघ्र ही सभी कोर्सेस में ट्रेनिंग शुरू की जाएगी।

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