‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना’ से बडे पैमाने पर जुड़ रहे हैं मदरसे

नयी दिल्ली : देश में ज्यादा से ज्यादा युवाओं को रोजगार के योग्य बनाने के मकसद से चलाई जा रही मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी ‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना’ से अब देश के मदरसे भी बडे पैमाने पर जुड़ रहे हैं ताकि इनमें पढने वाले बच्चों का भविष्य संवर सके। इसी क्रम में, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की अधीनस्थ संस्था ‘मौलाना आजाद शिक्षा प्रतिष्ठान’ (एमएईएफ) मदरसों और ऐसे शिक्षण संस्थानों को अधिक मदद देने की कोशिश कर रही है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस महत्वकांक्षी योजना के अनुसार काम कर रहे हैं।

एमएईएफ के कोषाध्यक्ष मोहम्मद शाकिर अंसारी ने ‘भाषा’ से कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की पूरी कोशिश है कि मदरसों में पढ़ने वाले बच्चों को भी मुख्याधारा में रोजगार के अवसर मिल सकें। खुशी की बात है कि बहुत सारे मदरसे ‘प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना’ से खुद जुड रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी कोशिश है कि उन मदरसों और शिक्षण संस्थानों को अधिक से अधिक सहयोग प्रदान किया जाए जो केंद्र सरकार की ऐसी महत्वाकांक्षी योजनाओं से जुड़कर मुस्लिम समुदाय के बच्चों को फायदा पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। इसमें बहुत सारे गैर सरकारी संगठन भी पहल कर रहे हैं।

अंसारी ने कहा, ‘‘अभी हाल ही में दिल्ली के कुछ मदरसों में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना से संबंधित कार्यशालाओं का आयोजन हुआ जिसमें छात्रों और शिक्षकों ने काफी दिलचस्पी दिखाई है। देश के कुछ दूसरे स्थानों के मदरसों ने भी ऐसी योजनाओं में दिलचस्पी दिखाई है।’ हाल ही में ‘करियर आशा’ नामक एनजीओ ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश और झारखंड में कई मदरसों में ‘प्र्रधानमंत्री कौशल विकास योजना’ और ‘स्किल इंडिया’ के बारे में कार्यशालाओं का आयोजन किया।

इस एनजीओ के समन्वयक आमिर रिजवी ने कहा, ‘‘हमें लगा कि कुछ महीनों के प्रशिक्षण से युवाओं को रोजगार के योग्य बनाने की योजना का सबसे अधिक फायदा मदरसे उठा सकते हैं। इसीलिए हमने मदरसों में कार्यशालाओं का आयोजन शुरु किया ताकि सरकार की योजनाओं के बारे में लोग जान सकें और फायदा उठा सकें।

आमिर रिजवी ने कहा, ‘‘पिछले कुछ दिनों में हमने दिल्ली, रांची, पलामू और लखनऊ के कई मदरसों में कौशल विकास योजना एवं स्किल इंडिया को लेकर कार्यशालाओं का आयोजन किया। इसको लेकर छात्रों में खासा उत्साह देखा गया।’ उन्होंने कहा, ‘‘अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की कई योजनाओं को लेकर लोगों में जागरुकता का अभाव है। एक बात और कि मंत्रालय की योजनाओं के फॉर्म इतने जटिल हैं कि इसे भर पाना आम आदमी के लिये बहुत मुश्किल है। हमारी मांग है कि सरकार इन फार्म को सरल बनाए ताकि लोगों को आसानी हो।’ शाकिर अंसारी ने कहा, ‘‘हाल ही में अल्पसंख्यक कार्य मंत्री नकवी ने मदरसों को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक ली थी और हमारे विभाग में एक समिति का गठन भी हुआ है।’

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