अधिकारियों की नीयत में हो खोट तो कैसे करेंगी कौशल विकास योजनाएं काम

भानुप्रतापपुर (छत्तीसगढ़) :  लोगों को कौशल विकास प्रशिक्षण व बेरोजगारों को स्वरोजगार से जोड़ने सरकार की तमाम तरह की योजनाएं संचालित हो रही है। हालांकि इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है। ग्राम भानबेड़ा में मुख्यमंत्री कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र में ना बांस है ना ही टूल्स दिए जाने की खबर प्रकाशित होने के बाद दूसरे दिन बांस और तीसरे दिन टूल्स केंद्र में भेजा गया तो प्रशिक्षण ले रहे लोगों की उम्मीदें जगी कि अब प्रशिक्षण मिलेगा। अब उनकी आशा फिर टूटती नजर आ रही है, जब दो दिन बाद 16 जनवरी को कोरर वन परिक्षेत्र अधिकारी ने प्रशिक्षण बंद करने आदेश जारी कर दिया।

प्रशिक्षुओं ने कहा बिना बताए प्रशिक्षण बंद करने का निर्णय लिया गया है। जब प्रशिक्षण को बंद करना ही था तो बांस और टूल्स क्यों भेजा गया। पूरे मामले में वन विभाग की कार्यशैली संदेह के घेरे में है। प्रशिक्षण ले रहीं रेशमा परवीन ने बताया हमें बिना बताए हस्ताक्षर कराया गया। ग्राम भानबेड़ा में प्रशिक्षण केंद्र 3 नवंबर को शुभारंभ किया गया और इसमें 30 बेरोजगारों को प्रशिक्षण देने पंजीयन किया गया था। इनसे कहा गया था कि बाम्बू से विभिन्न प्रकार की सामग्री बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।

लेकिन 84 दिनों का प्रशिक्षण को 25 जनवरी तक पूर्ण होना है। इस प्रशिक्षण में अभी भी 10 दिन शेष बचा है। इसके बाद भी प्रशिक्षण को अचानक बंद करने का आदेश जारी करना समझ से परे है। इस संबंध में वन परिक्षेत्र अधिकारी एसआर साहू से पक्ष जानने संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

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