कौशल विकास भत्ता के तहत लगे प्रशिक्षुओं के मामले मेंं प्रबंधन भेजेगा प्रस्ताव, अब सरकार तय करेगी कि पॉलिसी बनानी है या नहीं

शिमला (हिमाचल) : हिमाचल पथ परिवहन निगम की बसों में कौशल विकास भत्ता के तहत तीन माह के लिए प्रशिक्षण के तौर पर लगे प्रशिक्षुओं के मामले मेंं अब प्रबंधन सरकार को प्रस्ताव भेजेगा। इन प्रशिक्षुअों के लिए पॉलिसी बनानी है या नहीं, यह अब सरकार तय करेगी।

ये प्रशिक्षु प्रबंधन से अपने अधीन करने और कंडक्टर के तौर पर स्थाई नियुक्ति देने की मांग कर रहे है। जबकि निगम प्रबंधन अपने स्तर पर ही कंडक्टरों की भर्ती कर रहा है और इन प्रशिक्षुओं के लिए अभी तक कोई पॉलिसी नहीं बनी है। निगम प्रबंधन पहले भी साफ कर चुका है कि ये प्रशिक्षु निगम के कर्मचारी नहीं है, सिर्फ तीन माह के लिए निगम की बसों में सेवाएं दे रहे हैं। एचआरटीसी के डीएम अनिल सेन का कहना है कि कौशल विकास भत्ता के तहत काम करने वाले प्रशिक्षुओं के लिए पॉलिसी बनानी है या नहीं, यह सरकार तय करेगी। इसके लिए हम सरकार को एक प्रस्ताव भेज रहे हैं। इस प्रस्ताव के माध्यम से प्रशिक्षुओं की मांगों के बारे में बताया जाएगा और उनके लिए पॉलिसी बनानी है या नहीं, इस संबंध में विचार विमर्श करने के लिए कहा जाएगा। उनका कहना है कि सरकार के आदेश के बाद ही प्रशिक्षुओं की नियुक्ति और पॉलिसी के बारे में आगे का कदम उठाया जाएगा। इसके बार में सरकार ही तय करेगी कि आगे क्या करना है।

प्रशिक्षुओं ने खाेला है सरकार के खिलाफ मोर्चा, बनाया है कोर्ट जाने का मन

कौशल विकास भत्ता के तहत एचआरटीसी में कंडक्टर के तौर पर रखे गए युवाअों ने प्रदेश सरकार निगम प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोला है। इन प्रशिक्षुओं का आरोप है कि सरकार ने उनसे वादाखिलाफी की है। पहले तो उन्हें तीन माह के लिए नौकरी पर रखा और बाद में कहा कि उन्हीं में से कंडक्टर पद पर युवाओं को भर्ती किया जाएगा। जबकि अब अपने स्तर पर भर्ती करवा रहे हैं। प्रदेश भर में लगभग छह हजार ऐसे युवा हैं जो कौशल विकास भत्ता के तहत निगम में कार्यरत हैं। कौशल विकास भत्ता के तहत काम कर रहे प्रशिक्षुओं ने अब कोर्ट जाने का मन बनाया है। इनके द्वारा बनाई गई समिति के अध्यक्ष जीत सिंह नैहटा का कहना है कि सरकार और निगम प्रबंधन ने हमारे साथ धोखा किया है। हमें नौकरी पर रखा जाना था, जबकि अब निगम अपनी मर्जी से भर्ती करवा रहा है।

छह हजार से अधिक ले रहे प्रशिक्षण

प्रदेश के अलग अलग डिपुओं में बेरोजगार युवाओं को निगम की बसों पर प्रशिक्षण के लिए रखा गया है। एचआरटीसी बेरोजगार युवाओं को प्रशिक्षण के जरिए कौशल विकास भत्ता मुहैया करवा रही है। कौशल विकास भत्ते के लिए महिला पुरुष कोई भी अप्लाई कर सकता है। प्रशिक्षु निगम की बसों में लोकल लांग रूट में आठ घंटे ड्यूटी देते हैं। उन्हें 15 रुपए प्रति घंटे के हिसाब से वेतन दिया जाता है। प्रदेश भर में अभी तक छह हजार से अधिक युवा प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। इन्हें ढाई से तीन माह के लिए बसों में प्रशिक्षण दिया जाता है। अब ये भी पॉलिसी बनाने की मांग कर रहे हैं।

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