कौशल विकास भत्ता योजना के तहत ट्रेनिंग ले चुके सैकड़ों बेरोजगार युवाओं ने बनाई यूनियन, करेंगे आंदोलन

शिमला  (हिमाचल प्रदेश) : परिवहन निगम से कौशल विकास भत्ता योजना के तहत परिचालक की ट्रेनिंग ले चुके सैकड़ों युवाओं में निगम अधिकारियों और प्रदेश सरकार के खिलाफ रोष है। निगम अधिकारियों की कार्यशैली से परेशान इन युवाओं ने बुधवार को पड्डल मैदान में एकत्र होकर सरकार के खिलाफ बिगुल बजा दिया है।

हाल ही में इन परिचालक प्रशिक्षुओं ने यूनियन का गठन किया है। यूनियन के एलान पर प्रदेश भर के प्रशिक्षु परिचालक पड्डल में एकत्र हुए। इसके बाद मंडी में निगम के डीएम के समक्ष परिचालक प्रशिक्षुओं ने अपनी मांगों को रखा। परिचालक प्रशिक्षु यूनियन के प्रधान पंकज गुलेरिया ने कहा कि मंडी डीएम गुपचुप तरीके से पहले से ही कौशल विकास भत्ता योजना के तहत ढाई माह तक ट्रेनिंग कर चुके युवाओं से आवेदन लिए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जब प्रशिक्षु इसके विरोध में डीएम कार्यालय में पहुंचे तो अधिकारियों ने उन्हें भी फिर से आवेदन करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में पहले से आठ बैच इस योजना के तहत प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। निगम ने इन बैचों के युवाओं को अभी तक रोजगार प्रदान नहीं किया है। ऐसे में नए-नए बैच किस आधार पर प्रशिक्षण के लिए रखे जा रहे हैं।

सरकार से पहले ही प्रशिक्षु परिचालकों के लिए ठोस नीति बनाने की मांग की गई थी, लेकिन सरकार इस पर अमल नहीं कर रही है। महज एक दिन पहले एचआरटीसी ने सूचना जारी कर योजना के तहत नए बैच के लिए आवेदन मांगे। इससे बर्फबारी प्रभावित क्षेत्रों में युवा इस योजना का फायदा उठाने से वंचित रह गए हैं।

उन्होंने कहा कि दर्जनों युवाओं को गत बैच में ट्रेनिंग करने पर भी मानदेय नहीं मिल सका है। इस कारण बेरोजगार युवाओं को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। प्रधान पंकज गुलेरिया, सचिव देवेंद्र कुमार, महासचिव यश, सदस्य ललित राजपूत, गिरिजा नंद, जगदीश ठाकुर, मनोहर सिंह, गीता नंद, लीलाधर, वेद कुमार, राजेंद्र कुमार, अमीन चंद, शेखर चंदेल, शास्त्री, राजेंद्र कुमार ने कहा कि

15 जनवरी 11 बजे एक बार फिर पड्डल में प्रदेश भर के प्रशिक्षु परिचालक एकत्र होंगे। इस राज्य स्तरीय सम्मेलन में रणनीति तैयार कर आगामी आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी। डीएम एएन सलारिया ने कहा कि युवाओं ने उनके समक्ष मांग रखी है। जिन युवाओं को मानदेय नहीं मिल सका है। उन्हें मानदेय दिलाया जाएगा। इस बावत आरएम को निर्देश दिए जा चुके हैं।

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