सावधान इंडिया : मुश्किल होगा टिक पाना बिना ‘स्किल्स अपग्रेड’ के, डिजिटाइजेशन की वजह से 30 फीसदी नौकरियां खतरे में

नई दिल्ली : डिजिटाइजेशन को लेकर उत्साहित केन्द्र सरकार भ्रष्टाचार व काला धन जैसी बीमारियों का एक ही इलाज डिजिटाइजेशन को मान रही है। लेकिन हर नई चीज की तरह इसके भी अपने ही खतरे हैं। इस वक्त देश में एक बड़ा वर्ग डिजिटाइजेशन की वजह से नौकरियों को लेकर चिंतित है। एक शोध के मुताबिक इस वर्ष डिजिटाइजेशन की वजह से 20-30 फीसदी नौकरियां खत्म हो जाएंगी।

शोध से मिले खतरनाक संकेत

भारत में भी डिजिटल क्रांति को लेकर कई तरह के शोध हो रहे हैं। मैनपावरग्रुप के एक रिसर्च पेपर के अनुसार भारत में डिजिटाइजेशन की वजह से 20-30 फीसदी नौकरियां खत्म हो जाएंगी। वहीं, सिंपलीलन्र्स स्टेट ऑफ इंडिया टेक्नोलॉजी स्किल्स की रिपोर्ट के मुताबिक सूचना और सूचना प्रौधिगिकी (आईटी) आधारित सेवा में नौकरी कर रहे 60 फीसदी मध्यम स्तर के कामगार मानते हैं कि तेजी से बदलती तकनीक के कारण उनकी नौकरी खतरे में है।

नए स्किल्स के बिना टिक पाना होगा मुश्किल

जानकारों का मानना है कि नौकरी के लिहाज से 2017 काफी बुरा साल साबित होगा। नई टेक्नोलॉजी के साथ नए तरह के स्किल्स की जरूरत होगी, कुछ मामलों में ऑटोमेशन लोगों नौकरी ही खत्म कर देगी और कुछ नौकरियां व्यवसाय में उतार-चढ़ाव के चलते प्रभावित होंगी। ऐसे माहौल में अपने आप को बनाए रखने के लिए चौकस रहना और अपने आप को अपग्रेड करते रहने की जरूरी होगी। हालांकि, 2017 में स्टार्टअप्स में कुछ नौकरियां आएंगी। बैंकिंग और फाइनेंस सेक्टर में भी जरूरी बहालियां होंगी, लेकिन नौकरी खत्म होने के आंकड़े की तुलना में ये आंकड़ा काफी छोटा होगा।

दरअसल, भारत ही नहीं दुनियाभर में ऑटोमेशन और डिजिटाइजेशन की वजह से इस समय लाखों नौकरियां जाने का डर बना हुआ है। दावोस में विश्व आर्थिक मंच में ये कहा गया है कि टेक्नोलॉजी से प्रेरित चौथी औद्योगिक क्राांति प्रगति पर है और इसके चलते अगले 5-10 वर्षों में लाखों लोगों की नौकरियां प्रभावित होंगी।

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