राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने मणिपुर में समर्पण करने वाले उग्रवादियों को बनाया हुनरमंद

नई दिल्ली :  राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) ने मणिपुर सरकार के साथ मिल कर वहां आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों राज्य को कौशल प्रशिक्षण का कार्यक्रम चलाया है जिसके तहत कम से कम 15 उग्रवादियों को बिजली वितरण प्रणाली में लाइनमैन की नौकरी के योग्य बनाया गया है।

एनएसडीसी की एक विग्यप्ति के अनुसार उग्रवाद की राह पर भटके युवाओं को मुख्यधारा में वापस लाने की मणिपुर सरकार की पहल के तहत यह कार्यक्रम चलाया गया। विग्यप्ति के अनुसार एनएसडीसी ने इम्फाल में अपने केंद्र के जरिए उन्हें विद्युत वितरण का प्रशिक्षण दिया गया है और मणिपुर के मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह ने उन्हें रोजगार देने का आश्वासन दिया है।

विग्यप्ति के अुनसार मणिपुर सरकार लंबे समय से उग्रवाद ओर मुड़ गए अपने लोगों को मुख्यधारा में लाने के विभिन्न अभियान चला रही है। इसी क्रम में एनएसडीसी के साथ राज्य के गृह मंत्रालय की बैठक के बाद यह तय किया गया कि समर्पण कर चुके लोगों को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाए।

राज्य सरकार, पुलिस और सेना के प्रतिनिधियों ने उग्रवादी नेताओं से चर्चा कर नई राह निकाली। इस बैठक में आत्मसमर्पण करने वाले 400 उग्रवादियों ने हिस्सा लिया था और अंतत: 60 लोग प्रशिक्षण के लिए तैयार हुए। इनमें से ज्यादातर पुरुष थे और अपने क्षेत्र में ही कार्य करना चाहते थे।

विग्यप्ति के अनुसार इनके लिए बिजली लाइनमैन का प्रशिक्षण चुना गया क्योंकि मणिपुर राज्य बिजली वितरण निगम लिमिटेड को कुशलकर्मियों की आवश्यकता बनी हुई है। इस तरह 20 लोगों को इस रोजगार क्षेत्र के लिए तैयार किया गया। आत्मसमर्पण कर आए इन लोगों की मानसिक स्थिति का ध्यान रखा गया और इसे उनके मुताबिक ही प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किया गया। इनमें से 15 को पूर्ण प्रशिक्षित के रूप में प्रमाणित किया गया।

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