12 लाख अनुसूचित जाति के कारीगरों का कौशल विकास के द्वारा उत्थान के लिए हुआ त्रिपक्षीय करार

नई दिल्ली : अनुसूचित जाति के कारीगरों का कौशल विकास करके उनकी आमदनी बढ़ाने के लिए कपड़ा मंत्रालय और सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्रालय ने सोमवार को हाथ मिलाया है। करीब 12 लाख एससी कारीगरों का जीवन स्तर सुधारने के लिए केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी और केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत की मौजूदगी में कपड़ा मंत्रालय के विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तहत केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (पीएसयू) राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम (एनएससीएफडीसी) के बीच यहां एक करार पर हस्ताक्षर किए गए।

इस करार के तहत जागरुकता शिविर लगाकर इन कारीगरों को विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी जाएगी और उनकी जरूरतों का भी पता लगाया जाएगा। जिन इलाकों में अनुसूचित जातियों के कारीगर बड़ी संख्या में मौजूद हैं वहां उनका कौशल विकास किया जाएगा। इन कारीगरों को बाजार की मांग के अनुरूप डिजाइन तैयार करने, आधुनिक उपकरणों एवं तकनीकों को अपनाने के लिए प्रशिक्षित एवं प्रोत्साहित किया जाएगा।

दोनों मंत्रालयों द्वारा दिए जाने वाले लाभों को मिलाकर इन कारीगरों को रियायती ब्याज दरों पर ऋण मुहैया कराया जाएगा। घरेलू एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इन कारीगरों और उनके उत्पादक समूहों की भागीदारी सुनिश्चत की जाएगी। करार में इस बात पर भी सहमति जताई गई है कि विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) का कार्यालय अपनी विभिन्न योजनाओं के लिए परियोजना संबंधी रिपोर्टों को तैयार करने और एससी कारीगरों की जरूरतों की पहचान करने के लिए क्षेत्र (फील्ड) संबंधी अध्ययन कराने के लिए एनएससीएफडीसी की सहायता करेगा।

विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) के कार्यालय के छह क्षेत्रीय कार्यालयों और 52 विपणन एवं सेवा विस्तार केंद्रों की सहायता का विस्तार करने के अतिरिक्त इस तरह की सहायता दी जाएगी। विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) आलोक कुमार और एनएससीएफडीसी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक श्याम कपूर ने करार पर हस्ताक्षर किए।

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