विकास योजनाएं और कार्यक्रम जो बढ़ाएंगी रोजगार के अवसर

नई दिल्ली :  ग्रामीण क्षेत्रों में कौशल विकास को बढ़ावा देने और आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए दीनदयाल अंत्योणदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के लिए आवंटनों को बढ़ाने का प्रस्ताव किया है। इसके जरिये सरकार की मंशा है कि एक करोड़ गरीब परिवारों को इस बार गरीबी रेखा से बाहर किया जा सके। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) और क्रेडिट सहायता योजना के लिए आवंटन को बढ़ाकर तीन गुना से अधिक कर दिया है।

पीएम ग्राम सड़क योजना के तहत 19000 करोड़ बजट का प्रस्ताव रखा गया है। ग्रामीण इलाकों में सड़कों का विस्तार किया जा सकेगा। सारे गांवों को बारहमासी सड़कों से जोड़ने के लिए सरकार की पहल में यह अहम भूमिका निभाएगा। वर्तमान में सड़क के निर्माण की गति 133 किलोमीटर सड़क प्रतिदिन हो गई, जबकि 2011-14 अवधि के दौरान इसका औसत 73 किलोमीटर प्रतिदिन था।

जेटली ने बताया कि मनरेगा के तहत ग्रामीण इलाकों में इस बार काफी कार्य कराए जाएंगे। इसलिए मनरेगा का बजट भी बढ़ाकर 48 हजार करोड़ कर दिया गया। सरकार ने इस साल मनरेगा के तहत 5 लाख तालाब खोदने का लक्ष्य रखा है। बीते वर्ष में इसी लक्ष्य को सरकार ने सफलतापूर्वक पूरा किया है। ज्यादा लोगों को रोजगार के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र का बेहतर विकास हो सकेगा।

चमड़ा तथा फुटवियर उद्योग में रोजगार बढ़ाने के लिए बजट में विशेष प्रावधान किए गए हैं। विशेष प्रावधान के अंतर्गत योजना वस्त्र उद्योग में रोजगार सृजन के लिए पहले से जारी विशेष योजना के तर्ज पर होगी। राज्यों के सहयोग से पांच विशेष पर्यटन क्षेत्र स्थापित किए जाएंगे। सरकार का मानना है कि टूरिज्म से बड़ी संख्या में जॉब्स मिल सकते हैं। दुनियाभर में अतुल्य भारत 2.0 अभियान चलाए जाने की घोषणा भी की गई।

बजट में स्किल डेवलपमेंट पर जोर दिया गया है। इसके दूरगामी परिणाम निकलेंगे. सरकार सबको रोजगार नहीं दे पा रही है। ऐसे में उद्यमिता विकास केंद्रों में  प्रशिक्षण दे कर उन्हें स्व रोजगार के लायक बनाया जाएगा। डेयरी विकास के लिए 8000 करोड़ रुपये की घोषणा से डेयरी क्षेत्र में स्वरोजगार को बढ़ावा मिलेगा ।

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