शिक्षा व कौशल विकास सम्बंधित बजट 2017 की मुख्य घोषणाएं

नई दिल्ली :  वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आज संसद में साल 2017-18 का आम बजट पेश करते हुए रोजगार सृजन के संदर्भ में प्रधानमंत्री कौशल केन्द्रों का मौजूदा 60 जिलों से बढ़ाकर देशभर के 600 जिलों में विस्तार करने की घोषणा की।

उन्होंने कहा कि देशभर में 100 भारतीय अंतरराष्ट्रीय कौशल केन्द्र स्थापित किए जाएंगे। इन संस्थानों में उन्नत प्रशिक्षण तथा विदेशी भाषा के पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे। इससे विदेशों में रोजगार की संभावना तलाश रहे युवाओं को लाभ होगा।

अरुण जेटली ने कहा कि 4000 करोड़ रुपये की लागत से आजीविका प्रोत्साहन कार्यक्रम संकल्प शुरू किया जाएगा। इस कार्यक्रम के तहत 3.5 करोड़ युवाओं को बाजार की मांग के अनुरूप प्रशिक्षण दिया जा सकेगा।

वित्तमंत्री  ने संसद में बताया कि स्किल अपग्रेडेशन प्रोग्राम ‘स्ट्राइव’ के अगले चरण पर 2017-18 में 2200 करोड़ रु. खर्च किए जाएंगे। ‘स्ट्राइव’ के तहत व्यावसायिक प्रशिक्षण की गुणवत्ता एवं बाजार में इसकी प्रासंगिकता बढ़ाने तथा औद्योगिक क्लस्टर के जरिए प्रशिक्षु पाठ्यक्रमों के सुदृढ़ीकरण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

शिक्षा क्षेत्र में मौजूदा दौर के हिसाब से जरूरी बदलाव लाने पर सरकार ध्यान देगी। शिक्षा के क्षेत्र में 1.30 लाख करोड़ रुपये का आवंटन प्रस्ताव है। सरकार विज्ञान शिक्षा पर विशेष ध्यान देगी। 350 ऑनलाइन कोर्स के लिए ‘स्वयं’ नाम का डिजिटल चैनल लॉन्च किया जाएगा।

अब हायर एजुकेशन व टेक्नीकल एजुकेशन की  परीक्षाओं  के लिए अलग बॉडी होगी, तो वह केवल और केवल इन पर ही फोकस  करेगी। इससे यह फायदा होगा कि कस्टमाइज तरीके से इनको आयोजित किया जायेगा। इससे जेइइ और मेडिकल दोनों ही क्षेत्रों में अच्छी  प्रतिभा सामने आ सकती है। अभी तक सीबीएसइ और एआइसीटीइ ही  तमाम परीक्षाएं को लेती रही है।

विदेशी भाषाओं को स्टडी कराने के लिए भी सरकार की  तरफ से पहल को अच्छा कहा जा सकता है। हालांकि यह स्टूडेंट्स के इच्छा पर  निर्भर है। आमतौर पर हायर एजुकेशन के छात्र स्टडी करने के बाद दूसरे देशों  में जाने को इच्छुक रहते हैं। अगर वह किसी देश में हायर स्टडी के लिए जायेंगे तो उनका बेस पहले से ही बेहतर हो सकता है।

ग्रामीण क्षेत्रों में कौशल विकास को बढ़ावा देने और आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए दीनदयाल अंत्योणदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के लिए आवंटनों को बढ़ाने का प्रस्ताव किया है। इसके जरिये सरकार की मंशा है कि एक करोड़ गरीब परिवारों को इस बार गरीबी रेखा से बाहर किया जा सके। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) और क्रेडिट सहायता योजना के लिए आवंटन को बढ़ाकर 3 गुना से अधिक कर दिया है।

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