झारखंड की उन्नति के लिए ‘एजुकेशन गारंटी’ फंड,’मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना’,रोजगार के लिए स्थानीय नीति : मुख्यमंत्री

रांची (झारखंड) : मुख्यमंत्री पद का पावर मेरे परिवार के लिए नहीं, राज्य के युवक-युवतियों को इम्पावर करने के लिए है। डिग्री साथ उनके हाथों में हुनर होगा। स्किल डेवलपमेंट का बजट 145 करोड़ से बढ़ाकर 700 करोड़ किया गया है। बजट का 13.84 राशि शिक्षा, विशेषकर उच्च शिक्षा एवं स्किल डेवलपमेंट पर ध्यान दिया जा रहा है। आर्थिक अभाव में बच्चों की शिक्षा बाधित नहीं हो इसके लिए 50 करोड़ का ‘एजुकेशन गारंटी’ फंड लाया गया है। प्रतिभावान गरीब बच्चों को ‘मुख्यमंत्री फेलोशिप योजना’ से सहायता दी जाएगी। इससे उच्च शिक्षण संस्थानों में उनके नामांकन आदि का खर्च वहन किया जायेगा।

गरीबी, बेरोजगारी को दूर करने के लिए शिक्षा बड़ी औजार है। शिक्षित प्रदेश बनाने में सभी सहयोग करें। यह बातें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहीं। वे गुरूवार को उच्च तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग और रांची विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘मेगा रोजगार मेला’ के समापन समारोह में बोल रहे थे। कार्यक्रम आर्यभट्ट सभागार में आयोजित था।

मुख्यमंत्री ने अन्य विश्वविद्यालयों में भी रोजगार मेला आयोजित करने का निर्देश अधिकारियों को दिया। कहा कि त्रूटिपूर्ण शिक्षा के कारण समाज में विकृतियां आई है। ज्ञान-विज्ञान के इस युग में दुनिया को जिस तरह प्रशिक्षित मानव बल की आवश्यकता है, सरकार उस क्षेत्र में कार्य कर रही है।

मौके पर अपर मुख्य सचिव अमित खरे, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा सचिव अजय कुमार सिंह, कुलपति प्रो. रमेश पांडेय, प्रति कुलपति प्रो. कामिनी कुमार, डीएसडब्ल्यू डॉ. एससी गुप्ता, एचआरडीसी निदेशक प्रो. अशोक चौधरी, परीक्षा नियंत्रक डॉ. एके झा, सहायक प्लेसमेंट को-ऑर्डिनेटर अभिजित बेलथेरिया आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालय राजनीतिक अखाड़ा नहीं बने। शिक्षण संस्थानों में अनुशासन, अच्छी शिक्षा व समय पर परीक्षा सुनिश्चित करना शिक्षकों का दायित्व है। बच्चों को ऐसी शिक्षा दें जिससे वे जिज्ञासु बनें। विद्यार्थी झारखंड से बाहर नहीं जाएं, इसके लिए सरकार कार्रवाई कर रही है। 16 व 17 फरवरी को मोमेंटम झारखंड कार्यक्रम है। इसमें सरकार वैसे ही कंपनियों के साथ एमओयू करेगी, जिसे छह माह के भीतर धरातल परी उतारने की कार्रवाई शुरू की जा सके।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में स्थानीय नीति परिभाषित की गई होती, तो झारखंड के हजारों युवक-युवतियों को नौकरी मिली होती। स्थानीय नीति परिभाषित होने से अब नौकरी मिल रही है। वर्तमान सरकार पलायन को रोकने के लिए ठोस कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने विद्यार्थियों से भी अपील किया कि राज्य की समृद्धि के लिए कार्य करें।

विधायक जीतू चरण राम ने कहा कि जबतक काम कर नहीं देखेंगे सामने चीजें रखी रहेगी और उसकी पहचान नहीं कर पायेंगे। इसलिए शिक्षा जरूरी है। रोजगार पाकर झारखंड की छवि को बचाते हुए उंचाई पर जायें।

उच्च एवं तकनीकी शिक्षा सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ेगी तो विद्यार्थी रोजगार से जुड़ पाएंगे। उन्होंने कहा कि उद्योग के लिए जिस तरह के विद्यार्थियों की मांग है, उस तरह की शिक्षा देकर विद्यार्थियों को तैयार नहीं हो पा रहे हैं। इस कमी को दूर करने के लिए रोजगार परक शिक्षा पर ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्लेसमेंट सेल है लेकिन उपयुक्त कार्य नहीं हो पा रहे थे।

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