स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय ने अब छात्रों के लिए नॉट फिट फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एनएफटी) का फॉर्मूला लागू करने का लिया फैसला

छत्तीसगढ़ :  स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय ने अब छात्रों के लिए नॉट फिट फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एनएफटी) का फॉर्मूला लागू करने का फैसला कर लिया है। इसके तहत अब चार साल के बीई पाठ्यक्रम को अधिकतम आठ साल में पूरा करना होगा। इस समयसीमा में पाठ्यक्रम पूरा नहीं करने पर छात्र को एनएफटी घोषित कर बाहर कर दिया जाएगा। यह नियम दो अन्य पाठ्यक्रमों में भी लागू किया गया है। पांच वर्षीय बीआर्क के लिए दस साल और डीफार्मा के लिए अधिकतम 4 वर्ष की समयसीमा तय की गई है। सीएसवीटीयू की विद्वत परिषद ने मंगलवार को यह अहम फैसला लिया है। इस पर बुधवार को कार्यपरिषद मुहर लगाएगी।

पुराने छात्रों को फिलहाल राहत : विवि प्रशासन का कहना है कि नियम में बदलाव अगले सत्र से प्रभावी होंगे। पुराने छात्र इस दायरे में अभी नहीं आएंगे। इनके लिए अतिरिक्त समय-सीमा का निर्धारण किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि विवि से संबद्ध कॉलेजों में ऐसे कई छात्र हैं, जिन्होंने 2008-09 में प्रवेश लेने के बाद भी इंजीनियरिंग व आर्किटेक्चर की परीक्षा पास नहीं की है। नए नियमों में इन्हें शामिल करने पर निर्धारित 8 साल की समय-सीमा समाप्त हो रही है। इस तरह वे बाहर हो जाएंगे या मर्सी अटेंम्ट लेना होगा। इस को देखते हुए विवि ने तय किया है कि नए नियम इन पर प्रभावी नहीं होंगे। ऐसे छात्रों को समय की थोड़ी मोहलत देकर परीक्षा करने की सीख दी जाएगी।

एक बड़ा फैसला यह भी

विश्वविद्यालय में बीई के प्रथम बैच का नवीन पाठ्यक्रम सत्र 2015-16 में पूर्ण हो गया है। भूतपूर्व छात्रों को नए पाठ्यक्रम के अनुसार परीक्षा में सम्मिलित होने का प्रावधान है, लेकिन अभी भी नए के साथ-साथ पुराने पाठ्यकम में परीक्षाएं कराई जा रही हैं। पुराने पाठ्यक्रम में सिर्फ बैकलॉग वाले छात्र ही शामिल होते हैं, जिनकी संख्या बेहद कम होती है। इनके लिए विवि अलग से प्रश्न पत्र छपवाता है, जिससे बेवजह का खर्च होता है। विवि की विद्वत परिषद ने अनुशंसा की है कि अप्रैल-मई 2017 परीक्षा के बाद बैकलॉग की परीक्षा नए पाठ्यक्रम के तहत ली जाएगी। पुराने पाठ्यक्रम के छात्रों को बैकलॉग विषयों को पास करने के लिए नवीन पाठ्यक्रम के समतुल्य विषय में परीक्षा देना होगा।

नए सत्र से लागू होगा नियम

विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक यह नियम नए शैक्षणिक सत्र से लागू कर दिया जाएगा। कार्यपरिषद की अनुशंसा के बाद अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। याद रहे अभी तक प्रदेश में तकनीकी शिक्षा का पाठ्यक्रम पूरा करने कोई समय-सीमा तय नहीं थी। विवि प्रशासन ने प्रावधान में बदलाव कर नए नियम बनाने का प्रस्ताव राजभवन के समक्ष रखा, जिसे स्वीकृति मिल चुकी है।

विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक यह नियम नए शैक्षणिक सत्र से लागू कर दिया जाएगा। कार्यपरिषद की अनुशंसा के बाद अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। याद रहे अभी तक प्रदेश में तकनीकी शिक्षा का पाठ्यक्रम पूरा करने कोई समय-सीमा तय नहीं थी। विवि प्रशासन ने प्रावधान में बदलाव कर नए नियम बनाने का प्रस्ताव राजभवन के समक्ष रखा, जिसे स्वीकृति मिल चुकी है।

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