एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने मध्यप्रदेश कौशल विकास के लिए किया 1500 करोड़ रुपए का लोन स्वीकृत, भोपाल में बनेगा ‘आइडियल स्किल सेंटर’

इंदौर : केंद्र सरकार के मेक इन इंडिया और स्किल्ड इंडिया अभियान को सबसे अधिक ताकत मध्यप्रदेश से मिल रही है। तीन साल के दौरान प्रदेश में 12 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव आए हैं, जिसके चलते उद्योगों की जरूरत पूरी करने के लिए प्रदेश की युवा पीढ़ी को स्किल्ड करने के लिए अगले पांच साल में 1500 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने प्रदेश के कौशल विकास विभाग के अधीन चलने वाले सभी आईटीआई को अपग्रेड करने के लिए 1500 करोड़ रुपए का लोन स्वीकृत कर दिया है। प्रथम चरण में इंदौर आईटीआई सहित प्रदेश के शीर्ष 10 संभागीय आईटीआई अपग्रेड होंगे। इंदौर आईटीआई को अत्याधुनिक बनाने के लिए 50 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसकी कार्ययोजना को अंतिम रूप देने के लिए एडीबी की टीम ने गत दिवस इंदौर में कौशल विकास विभाग के आला अफसरों के साथ विस्तार से चर्चा की।

भोपाल स्किल सेंटर को सबसे ज्यादा राशि

1500 करोड़ में से सबसे अधिक राशि भोपाल में बनने वाले स्किल सेंटर को दी जाएगी। सूत्रों के मुताबिक, करीब 150 करोड़ रुपए से बनने वाला यह सेंटर देश का आइडियल स्किल सेंटर होगा। इंदौर और भोपाल के अलावा पहले चरण में जबलपुर, ग्वालियर, सागर, उज्जैन और रीवा के आईटीआई कॉलेज भी शामिल किए गए हैं।

ऑटोमोबाइल सेगमेंट होगा अपग्रेड

इंदौर संभागीय कौशल विकास विभाग के संयुक्त संचालक डीएस ठाकुर ने बताया, इंदौर आईटीआई में अगले तीन साल में खास तौर पर ऑटोमोबाइल और मैनुफैक्चरिंग सेगमेंट से जुड़ी नई लैब व नई कॉलेज बिल्डिंग तैयार की जाएगी। संभवत: अप्रैल अंत से काम शुरू हो जाएगा। सैमसंग और एशियन पेंट्स 1-1 करोड़ रुपए से अपनी लैब शुरू करेंगी।

आयशर और ओला भी बनीं भागीदार

प्रदेश सरकार के स्किल्ड एमपी अभियान को दम देने के लिए ऑटोमोबाइल सेक्टर की बड़ी कंपनी आयशर वॉल्वो, कमिंस टर्बो और पिनेकल इंडस्ट्रीज के साथ ही ओला कैब भी आगे आई है। इनके सहित एक दर्जन से अधिक कंपनियों ने प्रदेश के कौशल विकास विभाग के साथ शनिवार को एमओयू साइन किए हैं। ये कंपनियां इंदौर संभाग के आईटीआई में अपने सेक्टर से जुड़ी नई तकनीक विद्यार्थियों को सिखाने के साथ ही उन्हें नौकरी भी देंगी। ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में शनिवार को कौशल विकास विभाग के समिट कम सेक्टोरियल सेमिनार में कंपनी प्रतिनिधियों ने एमओयू साइन किए। ये कंपनियां कॉलेजों में लैब भी शुरू करेंगी। कार्यक्रम में प्रदेश के तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्री दीपक जोशी को भी आना था, लेकिन वे शामिल नहीं हुए। 25 फरवरी को हुए सेमिनार में भी वे ऐनवक्त पर शामिल नहीं हुए थे। सुबह 10 से शाम 5 बजे तक चली समिट में ऑटोमोबाइल के अलावा फर्नीचर और कैपिटल गुड्स से जुड़ी कंपनियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

7 लाख युवा प्रति वर्ष ट्रेंड करने का लक्ष्य

विभाग के डायरेक्टर संजीव सिंह ने बताया, प्रदेश सरकार का लक्ष्य प्रति वर्ष सात लाख युवाओं को आधुनिक तकनीक से प्रशिक्षित करने का है। इसके तहत विभिन्न कंपनियों से एमओयू किए जा रहे हैं। शुभारंभ अवसर पर राज्य कौशल विकास मिशन के एडिशनल सीईओ जीएन अग्रवाल ने स्वागत भाषण दिया। ज्वाइंट डायरेक्टर डीएस ठाकुर ने कार्यक्रम की जानकारी दी। संयुक्त संचालक डीएस ठाकुर, अनिल कुमार शर्मा और मीना लोहिया विशेष रूप से मौजूद थे।

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