‘मुख्यमंत्री युवा स्वावलंबन योजना’ के प्रथम चरण में 25 हजार छात्रों को मिलेगा प्लेसमेंट, दुर्ग में बनेगा नोडल सेंटर

दुर्ग (छत्तीसगढ़) : तकनीकी व सामान्य डिग्री कॉलेजों में पढ़ रहे 25 हजार फाइनल ईयर छात्रों को जल्द ही नौकरी के अवसर मिलेंगे। छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसाइटी (चिप्स) ने इसके लिए प्लान बना लिया है। चिप्स कार्यालय में योजना का उद्घाटन किया गया । इसे नाम दिया है ‘मुख्यमंत्री युवा स्वावलंबन योजना’। अधिकारियों के मुताबिक योजना की शुरुआत जिले के 11 इंजीनियरिंग कॉलेजों से होने जा रही है, जिसमें करीब 20 हजार छात्र शामिल होंगे। सामान्य कॉलेजों के 5 हजार छात्रों को प्लेसमेंट मिलेगा।

क्या है प्लान

चिप्स ने प्रथम चरण के लिए रायपुर, दुर्ग, राजनांदगांव और बिलासपुर जिले के 25-25 शासकीय व इंजीनियरिंग कॉलेजों का चयन किया है। इसमें दुर्ग जिले के 7 सामान्य डिग्री कॉलेज शामिल हैं। सभी कॉलेजों ने यूजी फाइनल ईयर छात्रों का डेटा मांगा गया है। कॉलेज जिन छात्रों को चिन्हित करेगा, उन्हें मई में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद चिप्स इन छात्रों के लिए नजदीकी संस्थानों में ट्रेनिंग कराएगी। ट्रेनिंग के लिए नामी कंपनियों को बुलाया जाएगा।

छात्र देंगे ऑनलाइन टेस्ट

अधिकारियों के मुताबिक योजना को लागू करने से पहले चिप्स ने छोटी-बड़ी कंपनियों के साथ करार किया है। चिप्स छात्रों को कंपनियों की डिमांड के मुताबिक ही तैयार करेगा। ट्रेनिंग समाप्त होने के बाद छात्रों को प्लेसमेंट पाने एक ऑनलाइन टेस्ट देना होगा। इसमें सामान्य ज्ञान, एप्टीट्यूड, एबिलिटी जैसे बिंदु शामिल होंगे।

दुर्ग में बनेगा नोडल सेंटर

ट्रेनिंग व प्लेसमेंट सहित योजना के तमाम कामकाज के लिए चिप्स दुर्ग में नोडल सेंटर बनाएगा। यह योजना मुख्यमंत्री कौशल विकास से बिल्कुल अलग है। इसमें सिर्फ फाइनल ईयर के छात्रों को ही शामिल किया जाना है। कार्यक्रम की लॉन्चिंग के दौरान चिप्स के अधिकारी, उच्च शिक्षा आयुक्त, चार जिलों के कॉलेज प्राचार्य, डीटीई के अधिकारी मौजूद रहे। सभी को उनकी जिम्मेदारी बता दी गई है। टेस्ट पास कर लेने वाले छात्रों को सीधे कंपनियों के साथ इंटरव्यू का मौका मिलेगा। ऑनलाइन टेस्ट कराने के लिए चिप्स इंजीनियरिंग कॉलेजों की मदद लेगा।

25 हजार को नौकरी दिलाने का लक्ष्य

साइंस कॉलेज के प्राचार्य डॉ. एसके राजपूत ने बताया किचिप्स मई से फाइनल ईयर के छात्रों को ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट देगा। सामान्य कॉलेजों में परीक्षा की वजह से यह अगले साल से लागू होगी। करीब 25 हजार छात्रों को नौकरियां दिलाने का लक्ष्य है।

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