छत्तीसगढ़ सरकार के उच्च शिक्षा, कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार और विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग के लिए 1132 करोड़ बजट ध्वनिमत से पारित

छत्तीसगढ़ : आगामी वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के  उच्च शिक्षा, कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार और विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग के लिए 1132 करोड़ 40 लाख 60 हजार रूपए का प्रावधान बजट अनुदान मांगों को आज विधानसभा में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।

उन्होंने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग के लिए 694 करोड़ 72 लाख 16 हजार रूपए का, कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग के लिए 416 करोड़ 68 लाख 44 हजार रूपए और विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के लिए 21 करोड़ 75 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है।

मंत्री श्री पाण्डेय ने सदन को बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के बजट घोषणाओं के अनुरूप नये शिक्षा सत्र से प्रदेश के युवाओं के भविष्य को ध्यान में रखा गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2003 में सरकार के गठन के बाद से उच्च शिक्षा विभाग की यात्रा अत्यंत चुनौतीपूर्ण रही है। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के समय लगभग 3.5 सकल नामांकन अनुपात (जी.ई.आर.) की विरासत हमें मिली थी।

इस सरकार के अथक प्रयासों से आज प्रदेश का सकल अनुपात दर 16 प्रतिशत हो गया है। इस प्रकार इसमें पांच गुना वृद्धि दर्ज की गई है। उच्च शिक्षा के उन्नयन के लगातार प्रयासों से अब तस्वीर बदलने लगी है। सरकार की सकारात्मक नीतियों के फलस्वरूप अब बेटियां भी उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए अग्रसर हो रही हैं।

प्रदेश का लैंगिक अनुपात जो राज्य गठन के समय 0.7 था, वह बढ़कर 1.2 हो गया है। इसी प्रकार विद्यार्थियों की संख्या में वृद्धि हुई है। अब बढ़कर एक लाख 84 हजार हो गई है, जो राज्य गठन के समय 83 हजार थी।

मंत्री श्री पाण्डेय ने चर्चा के दौरान बताया कि प्रदेश में सुदूर वनांचल में आश्रम-शालाओं की सफलता को देखते हुए विभाग द्वारा पांच आदर्श आवासीय महाविद्यालय जगदलपुर (बस्तर), कांकेर, दुर्ग, रायपुर और राजनांदगांव में स्थापना करने की जानकारी विगत वर्ष सदन को दी गई थी।

उन्होंने कहा “मुझे बताते हुए खुशी हो रही है – इन स्थानों पर उक्त महाविद्यालयों का संचालन प्रारंभ हो चुका है। छात्रों को प्रवेश देने के साथ ही प्रत्येक महाविद्यालय के लिए रूसा के तहत 12 करोड़ रूपए की राशि स्वीकृत की गई है। इन महाविद्यालयों में बी.व्होक, एम.व्होक जैसे रोजगारन्मुखी पाठ्यक्रम चलाए जाएंगे। इन महाविद्यालयों में दूरस्थ आदिवासी क्षेत्रों के विद्यार्थियों को भी प्रवेश दिए जाएंगे। जिला कलेक्टरों द्वारा भूमि का चयन कर लिया गया है। भवन निर्माण का कार्य प्रारंभ किया जाएगा।”

उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार और अधोसंरचना विकास के फलस्वरूप नया रायपुर में एनटीपीसी के सहयोग से अन्तर्राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आई.आई.आई.टी.) स्थापना की गई है, जिसमें दो संकायों में कम्प्यूटर साईंस और इलेक्ट्रॉनिक्स शामिल है, जिसकी प्रवेश क्षमता 60-60 सीटें अध्ययन के लिए उपलब्ध हैं। अगस्त 2016 से पीएचडी प्रारंभ की गई है, जिसमें तीन छात्रों को प्रवेश दिया गया।

वित्तीय वर्ष 2017-18 में 20 करोड़ रूपए के बजट प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ युवा सूचना क्रांति के तहत स्नातक व स्नातकोत्तर उपाधि हेतु अंतिम वर्ष में अध्ययनरत विद्यार्थियों को निःशुल्क टेबलेट प्रदाय किया जा रहा है। इस योजना के तहत इस वित्तीय वर्ष महाविद्यालयीन छात्र-छात्राओं को लेपटॉप-टेबलेट वितरण के लिए 80 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है।

श्री पाण्डेय ने बताया कि राज्य सरकार की घोषणा के अनुरूप जिला बालोद में नवीन शासकीय पॉलीटेक्निक संस्था प्रारंभ करने हेतु एक करोड़ लाख रूपए का बजट प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि छात्रावासों की सुरक्षा की विशेष प्रावधान किए गए हैं। सभी छात्रावासों में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक कन्या छात्रावास में बाउण्ड्री वाल एवं अधीक्षिका सह चौकीदार आवास भी सुनिश्चित की जा रही है।

वित्तीय वर्ष 2017-18 में नवीन छात्रावास के निर्माण हेतु राशि रूपए दो करोड़ 31 लाख और अधीक्षक आवास हेतु एक करोड़ 40 लाख रूपए और दो कन्या छात्रावासों के बाउण्ड्रीवाल के लिए 40 लाख रूपए हेतु प्रावधान किया गया है।

श्री पाण्डेय ने कौशल विकास और रोजगार विभाग से संबंधित बजट चर्चा का जवाब देते हुए बताया कि युवाओं का कौशल उन्नयन राज्य सरकार की प्राथमिकता है। राज्य गठन के समय केवल 13 जिलों में आई.टी.आई. संचालित किए जा रहे थे। उनमें 5960 सीटें थी, जबकि आज की स्थिति में 172 शासकीय आई.टी.आई संचालित हो रहे हैं, जिसमें 19 हजार 360 सीटें हैं। प्रदेश के सभी 27 जिलों में युवाओं को जनजीवन से जुड़े छोटे-छोटे व्यवसायों का अल्पकालीन प्रशिक्षण देने के लिए लाइवलीहुड कॉलेज सफलतापूर्वक संचालित किए जा रहे हैं।

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