कौशल विकास के जरिए अब मुख्यधारा से जुड़ेंग घरेलू कामगार

रांची (झारखंड) : डोमेस्टिक वर्कर्स सेक्टर स्किल काउंसिल (डीडब्ल्यूएसएससी) झारखंड के घरेलू कामगारों का कौशल विकास कर उन्हें मुख्यधारा से जोड़ेगी। शुक्रवार को एटीआई में आयोजित एक कार्यक्रम में झारखंड स्किल डेवलपमेंट मिशन (जेएसडीएम) के बीच करार हुआ। जेएसडीएम के प्रबंधन निदेशक राजीव रंजन तथा डीडब्ल्यूएसएससी के चेयरमैन आमोद कंठ ने एमओयू पर हस्ताक्षर किया।

बतौर मुख्य अतिथि प्रधान सचिव, नगर विकास अरुण कुमार सिंह ने कहा कि नेशनल स्किल डेवलपमेंट कारपोरेशन के सहयोग से राज्य में 95 स्किल सेंटर संचालित हैं, जिनके सहयोग से अबतक सात हजार से अधिक युवाओं का न न सिर्फ कौशल विकास हुआ है, बल्कि वे विभिन्न कंपनियों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उच्च शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि घरेलू कामगारों को मुख्यधारा से जोड़ने के प्रति सरकार गंभीर है। सरकार ने इस बाबत 40 करोड़ की जगह 200 करोड़ रुपये का बजटीय उपबंध किया है। राज्य में सिमडेगा, लोहरदगा, गुमला, खूंटी ऐसे जिले हैं, जहां से हजारों की संख्या में लोग आजीविका के लिए पलायन करते हैं।

सीआइडी की आइजी संपत मीणा ने कहा घरलू कामगारों के कौशल विकास से मानव तस्करी पर बहुत हदतक अंकुश लगेगा। डीडब्ल्यूएसएससी के चेयरमैन आमोद कंठ ने कहा कि काउंसिल देश के लगभग 20 लाख घरेलू कामगारों को पहचान दिलाने की दिशा में कार्यरत है। महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग के प्रधान सचिव एमएस भाटिया, विधि विभाग के प्रधान सचिव दिनेश कुमार, सचिव श्रम एवं नियोजन अमिताभ कौशल, श्रमायुक्त प्रवीण टोप्पो, मनोज सिन्हा आदि ने भी अपनी बातें रखीं।

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