बुनियादी शिक्षा पाठ्यचर्या विकास केंद्र होंगे स्थापित

पटना : राज्य के 391 बुनियादी विद्यालयों में से 150 में बुनियादी शिक्षा पाठ्यचर्या विकास केंद्र स्थापित किये जायेंगे | पायलट प्रोजेक्ट के तहत इन केंद्रों की स्थापना की जायेगी | इसके बाद उसे बचे अन्य बुनियादी विद्यालयों में लागू किया जायेगा | बुनियादी विद्यालयों को प्रयोगशाला विद्यालय मानते हुए इन बुनियादी शिक्षा पाठ्यचर्या विकास केंद्रों को जिम्मेवारी भी दी जायेगी |

शुरू में प्राथमिक स्तर के लिए और बाद में मिडिल, हाइ व प्लस टू स्तरों पर भी विशेष काम कर पाठ्यचर्चा  को विकसित किया जायेगा | यह केंद्र पूरी स्कूल प्रणाली में सेवाकालीन अध्यापक शिक्षण को भी संगठित करेगा | इसके अलावा गतिशील सुधार के लिए फीडबैक के लिए शिक्षकों के एक्शन रिसर्च को भी बढ़ावा देगा | इससे छात्रों की बौद्धिक क्षमता का भी विकास होगा |

आजादी के बाद से ही स्कूलों में गांधीवादी शिक्षा को लागू करने की बात होती रही है | शिक्षकों की शिक्षा ऐसी होनी चाहिए कि वे गांधीवादी शिक्षा को समझ सकें | शिक्षक शिक्षा की प्रक्रिया और हाथ से काम करने को एक दूसरे का पूरक मानें | बुनियादी विद्यालय में ज्ञान अर्जन, मूल्यों का निर्माण और काम के जरिये कौशल का विकास पर जोर दिया जा रहा है | प्राइमरी-मिडिल के बाद इसे हाइ व प्लस टू के स्तरों की पाठ्यचर्या में भी इसी तरह किया जायेगा |

शिक्षक बच्चों के अनुभव के बीच करेंगे काम

इसमें शिक्षक बच्चों के अनुभव के बीच काम करेंगे. शिक्षक में बच्चों से संवाद करने के लिए भाषा का ज्ञान होना चाहिए | उनके पास अनुभव और ज्ञान हो, ताकि उन पर विश्वास भी किया जाये |

ऐसा प्रशिक्षित शिक्षकों के जरिये ही सही रूप से की जा सकती है | वर्तमान में राज्य के बुनियादी विद्यालयों में नियोजित शिक्षकों का समायोजन कर पढ़ाई व्यवस्था करायी जा रही है | सरकार बुनियादी विद्यालयों में शिक्षकों की बहाली करने का कई बार मन बना रही है, लेकिन हर बार कोई न कोई अड़ंगा आने की वजह से यह प्रक्रिया ही शुरू नहीं हो पा रही है |

Note: News shared for public awareness with reference from the information provided at online news portals.