15 प्राईवेट इंजीनियरिंग एवं 26 डिप्लोमा कॉलेजों को बड़ा झटका, 1300 सौ छात्रों की नामांकन फीस वापस करने का आदेश

पटना : पटना हाईकोर्ट ने 15  प्राईवेट इंजीनियरिंग एवं 26 डिप्लोमा कॉलेजों को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने इन संस्थानों में पढऩे वाले कुल 13 सौ छात्रों की नामांकन फीस वापस कर देने का आदेश दिया है। साथ ही प्रति छात्र क्षतिपूर्ति के रूप में 50-50 हजार रुपये भी देने काे कहा है। इन संस्थानों को केवल क्षतिपूर्ति के रूप में साढ़े छह करोड़ रुपये वापस करने होंगे।

डिग्री एवं डिप्लोमा में अध्ययनरत  ये वैसे छात्र हैं, जिनका कॉलेज में सीट खाली रहने के बाद अंक के आधार पर नामांकन लिया गया था।

न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह की पीठ ने यह आदेश  बिहार प्राईवेट टेक्निकल एण्ड प्रोफेशनल इंस्टीच्यूट एसोसियेशन एवं अन्य की याचिकाओं को खारिज करते हुए दिया। अन्य याचिकाकर्ताओं में बुद्धा इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (गया), नेता जी सुभाष इंस्टीच्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी व अन्य संस्थानों ने दायर की थी। इन कॉलेजों की ओर से कहा गया था कि उनके संस्थान में छात्र कोर्स पूरा कर चुके हैं। लेकिन, राज्य तकनीकी शिक्षा परिषद परीक्षा देने की अनुमति नहीं दे रही है। ऐसे में इन छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो गया है। जबकि, हाईकोर्ट के ही अंतरिम आदेश से इन्हें आगे पढऩे की अनुमति मिली थी।

इसपर राजकीय अधिवक्ता अजय का कहना था कि रिक्त सीटों को प्रतियोगिता के आधार पर भरा जाना था। लेकिन, डिप्लोमा कोर्स के लिए 10 के अंक पर मेरिट लिस्ट बना लिया गया। जबकि, डिग्री कोर्स के लिए 10+2 के आधार पर नामांकन लिया गया। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता अभय शंकर सिंह एवं राजीव कुमार सिंह का कहना था कि भले ही अंक के आधार पर मेरिट तैयार की गई, लेकिन इसमें किसी प्रकार की धांधली नहीं की गई। ऐसे में तो प्रदेश के निजी कॉलेज बंद हो जाएंगे। सीट खाली रहने के बाद ही नया नामांकन लिया गया था।

इसपर कोर्ट ने साफ कर दिया कि अवैध तरीके से छात्रों के पढऩे की अनुमति नही दी जा सकती है। अदालत ने अपने आदेश में यह भी साफ कर दिया कि संस्थान को फूडिंग एवं लाजिंग का खर्च नही लौटाना है।

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