कौशल विकास को बढ़ाने के लिए नई नीति लाने की तैय्यरी, आईटीआई के बाद सीधे इंजीनियरिंग में मिल सकेगा दाखिला

भोपाल : अब आईटीआई से सीधे इंजीनियरिंग में दाखिला लिया जा सकता है। केन्द्र सरकार कौशल विकास को बढ़ाने के लिए नई नीति ला रही है। अब तक आईटीआई के बाद पॉलीटेक्निक में दो साल का डिप्लोमा करना होता था। इसके बाद बीई में लिटरल एंट्री के जरिए सेकंड ईयर में प्रवेश मिलता था। नई नीति के लागू होने के बाद विद्यार्थियों को सीधे बीई या बीटेक में एडमिशन मिल सकेगा। केंद्रीय कौशल विकास मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी 11 मई को भोपाल में आईटीआई चलो अभियान के दौरान इसकी घोषणा कर सकते हैं।

सरकार ने देश में आईटीआई संस्थानों में बुनियादी ढांचे और ट्रेनिंग की खराब स्थिति को स्वीकारते हुए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के खुलने और उनके संचालन को लेकर आ रही गड़बड़ियों को दूर करने का मन बना लिया है। जिस तरह केंद्रीय विद्यालयों में सेंट्रलाइज परीक्षा की व्यवस्था की गई है और सीबीएसई बोर्ड के जरिए सभी स्कूलों में परीक्षा आयोजित कराई जाती है, उसी तरह आईटीआई में कराई जाएगी।

रोजगार के बेहतर अवसर

जानकारी के अनुसार केंद्रीय कौशल विकास मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी ने विगत दिनों एनसीवीटी बोर्ड के गठन का निर्णय लिया है। सीबीएसई और आईसीएसई की तर्ज पर एनसीवीटी बोर्ड यानि राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद का गठन किया जाना है, जो आईटीआई की परीक्षा पूरे देशभर में एक साथ आयोजित करेगी। परीक्षाओं के बाद मिलने वाले सर्टिफिकेट को 12वीं के समकक्ष माना जाएगा, जिससे छात्रों को सीधे बीई या बीटेक में एडमिशन मिल सकेगा। इसके लिए आईटीआई के पाठ्यक्रम में 12वीं के कुछ विषय जोड़ने की तैयारी भी चल रही है। यह बोर्ड कौशल विकास मंत्रालय के अधीन होगा। एनसीवीटी बोर्ड के गठन के बाद सेंट्रलाइज परीक्षा तो होंगी ही, साथ ही सेंट्रलाइज कैंपस भी आयोजित कराए जाएंगे, ताकि छात्रों को रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान किए जा सके।

दो बड़ी योजनाओं का होगा शुभारंभ

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना और कौशल्या योजना का शुभारंभ भी किया जाएगा। दोनों योजनाओं के अंतर्गत ढाई लाख युवाओं और दो लाख महिलाओं को रोजगार के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा और उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जाएगा।

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