स्कूलों में नेशनल स्किल क्वालिफाइड फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) के तहत लगाए शिक्षकों ने विभाग पर लगाया भेदभाव का आरोप

रेवाड़ी : विभिन्न सरकारी स्कूलों में नेशनल स्किल क्वालिफाइड फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) के तहत लगाए शिक्षकों ने शिक्षा विभाग पर भेदभाव करने का आरोप लगाया है। जिला के 40 स्कूलों में 80 के करीब स्किल इंडिया कार्यक्रम के तहत शिक्षक अनुबंध के आधार लगे हुए हैं। इनमें से ब्यूटी एंड वेलनेस स्ट्रीम की शिक्षिकाओं ने उनके साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए बेरोजगार नहीं करने की मांग की। सीएम ¨वडो में सौंपे ज्ञापन में इन शिक्षिकाओं ने पिछले छह माह का वेतन नहीं देने का भी आरोप लगाया। पीड़ित शिक्षिका पूजा, लीना बतरा, ज्योति शर्मा, मीनाक्षी बतरा, पूजा खन्ना, सुमन देवी, अन्नू कुमारी, मोनिका कुमारी, दीपिका, रमा, सीमा, कमलेश, मंजू, यशोदा, मोनिका आदि ने बताया कि पांच साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्किल इंडिया योजना के तहत वोकेशनल टीचर्स लगाए थे।

उस समय एक साल के लिए डिप्लोमा व अनुभव, लिखित परीक्षा व साक्षात्कार उत्तीर्ण करने के बाद लगाए गए थे, लेकिन अब अचानक उन शिक्षकों को बिना कारण के हटाए जा रहे हैं। इसमें सरकार द्वारा पंजीकृत डिप्लोमा धारकों को ही प्राथमिकता दी जाएगी। उनका कहना था कि पांच साल पहले कर्मचारियों को नौकरी देते समय इस प्रकार की कोई शर्त लागू नहीं थी। यदि ऐसा था तो नौकरी पर रखते समय बताना चाहिए था। उनका कहना था कि विद्यार्थियों को इस योजना से जोड़ने के लिए उन्होंने खूब मेहनत की थी। उनका कहना है कि यदि नई पॉलिसी बनी है तो पुराने शिक्षकों को अनुभव और मेहनत के आधार पर प्राथमिकता दी जाए।

बृजेश कुमार, जिला परियोजना अधिकारी, सर्व शिक्षा अधिकारी ने बताया कि अभी इन शिक्षकों को हटाने या नियुक्त करने में हमारा कोई योगदान नहीं है। अतिरिक्त उपायुक्त की अध्यक्षता में इनके कागजात जांच करने के निर्देश दिए गए थे। जांच प्रक्रिया के बाद उच्च विभाग को रिपोर्ट भेजी गई है। ये सभी शिक्षक निजी एजेंसी द्वारा लगाए गए हैं। यह एजेंसी कहां की है कौन चला रहा है इस बारे में मुख्यालय से अनुबंध किए गए हैं। स्थानीय स्तर पर न तो हमने किसी को नियुक्त किया है और न ही हटाया है।

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