शिमला : हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम प्रदेश के 10 जिलों में कौशल केंद्र स्थापित करेगा। इन केंद्रों में बेरोजगार युवाओं के लिए ट्रेनिंग कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। जनजातीय जिलों को छोड़कर बाकी अन्य दस जिलों में ये केंद्र खोलने की योजना है। आगे इनकी संख्या को और बढ़ाया जा सकता है। इन केंद्रों में युवाओं को स्किल बेस्ड ट्रेनिंग दी जाएगी। इस साल 11 हजार को ये ट्रेनिंग मिलेगी। वर्ष 2017 से लेकर वर्ष 2019 तक प्रदेश में 33 हजार बेरोजगार युवाओं को ट्रेनिंग देने का लक्ष्य एचपी केवीएन ने रखा है।
दिल्ली में हुई बैठक में कौशल विकास निगम के स्टेट प्लान के 75 करोड़ के बजट को मंजूरी मिल गई है। तीन सालों के लिए ये बजट मंजूर हुआ है। 75:25 के अनुपात में हिमाचल को इसके लिए पैसा मिलना है। इसमें 75 फीसदी केंद्र और 25 फीसदी हिस्सा राज्य सरकार का होगा। बैठक में राज्य कौशल विकास निगम के एमडी राजेश शर्मा ने स्टेट प्लान को लेकर प्रेजेंटेशन दी थी। उन्होंने कौशल विकास निगम के तहत प्रदेश में चलाए जा रहे कार्यक्रमों और आगामी योजनाओं के बारे में बताया। कौशल विकास निगम को एडीबी की ओर से भी फंडिंग मिल रही है।
निगम या डीसी के माध्यम से करे आवेदन
कौशल विकास निगम बेरोजगार युवाओं के लिए इस तरह की ट्रेनिंग करवा रहा है। यदि कोई युवा इस ट्रेनिंग को करना चाहते हैं तो वे कौशल विकास निगम के कार्यालयों के अलावा जिला उपायुक्त कार्यालय के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। बैच के हिसाब से ये ट्रेनिंग युवाओं को करवाई जाएगी।
पायलट बैच को मिल चुकी है प्लेसमेंट
प्रदेश कौशल विकास निगम ने वर्ष 2016 से ट्रेनिंग कार्यक्रम शुरू किया है। पहले बैच में पास आउट हुए स्टूडेंट को 100 फीसदी प्लेसमेंट मिली है। ट्रेनिंग के तुरंत बाद जॉब पाने वाले 132 स्टूडेंट हैं। ट्रेनिंग प्रोवाइडर कंपनियों ने कैंपस प्लेसमेंट के लिए कंपनियों को आमंत्रित किया था। जिसमें इन युवाओं को ट्रेनिंग मिली है। इनमें तीन तरह की ट्रेनिंग इन स्टूडेंट ने की है। लाइफ साइंस, हॉस्पिटेलिटी और ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों में इन युवाओं को ट्रेनिंग करवाई गई थी। 4 महीने की ट्रेनिंग हुई। उसके बाद 15 दिन की ऑन जॉब ट्रेनिंग के लिए कंपनियों में भेजा गया। इसके तुरंत बाद इन्हें जॉब मिल गई।
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