प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षित त्रिपुरा के 60 ब्राओ आदिवासी युवाओं को दी गईं नौकरियां

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत प्रशिक्षित, त्रिपुरा के 60 ब्राओ आदिवासी युवाओं को आज नौकरियां दी गईं। त्रिपुरा के उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रधान सचिव एम0 नागराजू ने अगरतला में समारोहपूर्वक इन युवाओं को रोजगार संबंधी प्रस्ताव-पत्र सौंपे।

ब्राओ आदिवासी त्रिपुरा के उत्तरी एवं दक्षिणी भागों में बसे हुए हैं। जनसंख्या की दृष्टि से राज्य में दूसरे स्थान पर रहने के बावजूद यह एक अत्यंत पिछड़ी जनजाति है जो अपनी आजीविका के लिए झूम खेती पर निर्भर है। केन्द्र सरकार ने उसके उत्थान के लिए उसे रोजगार उन्मुख प्रशिक्षण कार्यक्रम से जोड़ने का निश्चय किया है, जिसके क्रियांवयन की जिम्मेदारी राष्ट्रीय कौशल विकास निगम को सौंपी गई। निगम ने पहले चरण में कुल तीन सौ ब्राओ युवाओं को प्रशिक्षित करने की योजना बनाई, जिनमें 120 को प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत अल्पावधिक (शार्ट-टर्म) प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जबकि 60 युवकों का पहला जत्था प्रशिक्षण कार्यक्रम को पूरा कर के नौकरी पाने में सफल रहा है।

निगम के प्रबंध निदेशक एवं महाप्रबंधक मनीष कुमार ने इन सफल उम्मीदवारों को बधाई देते हुए विश्वास जताया कि ये युवा दूसरे आदिवासी युवाओं के लिए उदाहरण बनेंगे और उनसे प्रेरित होकर दूसरे लोग भी कौशल प्रशिक्षण के लिए आगे आएंगे। इससे पहले ट्रम्प इंटरनेशनल (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, आथवा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड तथा क्वांटम जैसी बड़ी कंपनियों ने इन प्रशिक्षित युवाओं का साक्षात्कार लिया और उसमें सफल होने पर उन्हें अपने यहां नौकरी देने के पेशपश की। इस अवसर पर उन्हें इन कंपनियों में कामकाज के माहौल की जानकारी भी दी गई ताकि वहां पहुंचने पर उन्हें दिक्कतों का सामना न करना पड़े।

ज्ञातव्य है कि कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में कार्यरत राष्ट्रीय कौशल विकास निगम पर ही केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी प्रधानमंत्री कोशल विकास योजना के संचालन की जिम्मेदारी है और उसका मुख्य काम ऐसा माहौल तैयार करना है, जिससे कौशल विकास के क्षेत्र में उद्योग जगत अथवा निजी क्षेत्र की अधिक से अधिक भागीदारी सुनिश्चित हो सके और देश में कुशल एवं दक्ष कारीगरों की संख्या को बढ़ाकर उद्योगों के लिए उनकी उपलब्धता एवं आवश्यकता के अन्तर को कम किया जा सके। निगम अपने सहयोगियों के साथ मिलकर अब तक एक करोड़ से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित कर चुका है।