औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों की दिशा, दशा सुधारने पर सरकार जल्द ही लेगी फैसला

नई दिल्ली : सरकार देश में पुराने ढर्रे पर चल रहे औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) के संचालन और उनके स्वरूप में व्यापक बदलाव लाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। जल्द ही इन संस्थानों से प्रशिक्षण लेकर निकलने वाले छात्रों को सीबीएसई और आईसीएसई स्कूलों से पढ़कर निकलने वाले दसवीं, बारहवीं पास बच्चों के समान ही दर्जा प्राप्त होगा।

आईटीआई से विभिन्न ट्रेड में नियमित दो साल का कोर्स करके निकलने वाले छात्र आगे किसी भी कालेज अथवा इंजीनियरिंग कालेज में दाखिला लेना चाहते हैं तो वह ले सकेंगे। देशभर में वर्तमान में 13,000 आईटीआई हैं जिनमें 23 लाख छात्र पढ़ रहे हैं।

केन्द्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री राजीव प्रताप रूडी ने आज यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सरकार द्वारा किये जा रहे इन कार्यों से अवगत कराया। उन्होंने कहा, प्रकाश जावड़ेकर के नेतृत्व वाले मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने प्रशिक्षण महानिदेशालय को आईटीआई में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे 23 लाख छात्रों का सैंकडरी स्कूल और हाई सैंकडरी स्कूल के बराबर दर्जे के लिये परीक्षा लेने और सफल छात्रों को प्रमाणपत्र देने की अनुमति दे दी है।

रूडी ने कहा कि कौशल विकास मंत्रालय अब इस मुद्दे पर विचार विमर्श कर रहा है कि वह इस व्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिये केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के साथ जुड़कर परीक्षा का आयोजन करे अथवा अपना खुद का राष्ट्रीय बोर्ड स्थापित करे। उन्होंने कहा कि इस बारे में फैसला जल्द ले लिया जायेगा।

Note: News shared for public awareness with reference from the information provided at online news portals.