बी-वॉक यानी बैचलर इन वोकेशनल कोर्स के लिए हिमाचल प्रदेश के 12 महाविद्यालयों में पहले साल के लिए दाखिले शुरू

धर्मशाला : प्रदेश के सरकारी स्कूलों में वोकेशनल कोर्स की तर्ज पर अब महाविद्यालयों में भी बी-वाक यानी बैचलर ऑफ वोकेशनल कोर्स शुरू कर दिए गए हैं। प्रदेश के 12 कालेजों में विभिन्न वोकेशनल कोर्स इसी सत्र से शुरू किए जाएंगे। महाविद्यालयों में इस वर्ष से रिटेल मैनेजमेंट और हास्पिटेलिटी एंड टूरिज्म, ऑटोमोबाइल, हैल्थ केयर आरंभ किए जा रहे हैं। वोकेशनल डिग्री में प्रवेश करने वाले छात्रों को कौशल विकास भत्ता भी दिया जाएगा।

सरकार ने अब कालेज छात्रों को रोजगारोन्मुखी शिक्षा देने की मंशा से  हिमाचल के करीब एक दर्जन महाविद्यालयों में बी-वॉक कोर्सेज के माध्यम से छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ नौकरी देने के वादे पर काम शुरू किया है। केंद्र ने निजी कंपनियों से टाइअप कर छात्रों को नौकरी देने का समझौता किया है। इसके तहत सरकारी कालेजों में छात्रों को निजी कंपनियों के ट्रेनर भी प्रशिक्षण देंगे। इन कोर्सेज में करीब 60 फीसदी पढ़ाई प्रैक्टिकल होगी और ट्रेनिंग के दौरान छात्रों का 75 फीसदी खर्च भी सरकार उठाएगी। कालजों में पहले साल 40-40 सीटों के साथ दो नए विषय शुरू किए हैं। इन विषयों में पढ़ाई करने वाले छात्रों को कौशल विकास भत्ता भी मिलेगा। हिमाचल के कालेजों में इस साल रिटेल मैनेजमेंट और हास्पिटेलिटी एंड टूरिज्म विषय बी-वाक कोर्स के तहत शुरू किए गए हैं। इन विषयों के माध्यम से विद्यार्थियों को सीधा रोजगार से जोड़ा जाएगा। प्रदेश के 12 महाविद्यालयों में पहले साल 80-80 सीटों के लिए दाखिले चल रहे हैं।

छात्रों को छह माह पढ़ाई करने पर ही सर्टिफिकेट मिल जाएगा, जबकि एक साल के बाद डिप्लोमा, दो साल बाद एडवांस डिप्लोमा और तीन साल बाद अन्य विषयों की तरह ही डिग्री मिल जाएगी। डिग्री करने वालों को लेवल फोर का सर्टिफिकेट भी मिलेगा। सरकार ने जिन कंपनियों के साथ टाइअप किया है, उनके दिल्ली व मुंबई सहित अन्य स्थानों से ट्रेनर हिमाचल पहुंचकर टे्रनिंग देंगे। प्रशिक्षण का खर्च भी सरकारी ही होगा। ये कंपनियां छात्रों को बाहर ही नहीं, प्रदेश में काम करने वाले निजी सेक्टर से भी टाइअप कर रोजगार के अवसर पैदा करेंगी। इसके अलावा बैंकिंग, टेलीकॉम, ऑटोमोबाइल, पर्यटन और रिटेल सेक्टर के लिए भी कंपनियों की जरूरत के हिसाब से प्रशिक्षित युवा तैयार करेंगी। इससे युवाओं को तो रोजगार मिलेगा, लेकिन कंपनियों को भी तराशे हुए और आवश्यकता व योग्यतानुसार लोग मिल पाएंगे। इन कोर्सेज में पढ़ाई के साथ-साथ पर्सनेलिटी डिवेलपमेंट पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।

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