स्वरोजगार के लिए स्किल डेवलपमेंट (कौशल विकास) में देहरादून की महिलाओं ने पुरुषों को पछाड़ा

देहरादून : स्वरोजगार के लिए स्किल डेवलपमेंट (कौशल विकास) में देहरादून की महिलाओं ने पुरुषों को काफी पीछे छोड़ दिया है। आंकड़े बताते हैं कि खुद के रोजगार के लिए महिलाओं में खासी दिलचस्पी है। यही वजह है कि महिलाएं अपने घरेलू काम धंधे को छोड़कर स्वरोजगार के लिए कौशल विकास में खासी दिलचस्पी ले रही हैं। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि एक साल में जहां स्किल डेवलपमेंट के लिए 805 महिलाओं ने ट्रेनिंग ली। वहीं बदले में पुरुषों की संख्या महज 255 तक ही सिमट गई ।

महिलाओं की बढ़ रही संख्या

राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत तीन लाख की आय से कम वाले महिलाओं व पुरुष को स्किल डेवलपमेंट के तहत ट्रेनिंग दी जा रही है। शुरुआत में महिला व पुरुषों में स्किल डेवलपमेंट की खास दिलचस्पी नहीं दिखी। लेकिन उसके बाद साल- दर- साल आंकड़ा बढ़ता गया। नगर निगम स्थित राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन कार्यालय के अनुसार बीते वित्तीय वर्ष में जहां 255 पुरुषों ने कौशल विकास की ट्रेनिंग ली। वहीं महिलाओं की संख्या 805 तक पहुंची है। सिटी मिशन मैनेजर विजय नेगी का कहना है कि इस वित्तीय वर्ष 2017-18 में आजीविका मिशन के तहत 2800 लोगों को ट्रेनिंग देने का लक्ष्य रखा गया है। अब तक आने वालों में महिलाओं की संख्या ज्यादा ही नजर अ रही है।

बुटीक में दिचलस्पी

महिलाओं को स्किल डेवलपमेंट के तहत एक्सप‌र्ट्स के जरिए ब्यूटी पार्लर, गारमेंट्स मेकिंग, हैंड क्राफ्ट्स, बुटीक आदि की ट्रेनिंग दी जा रही है। बताया गया है कि ट्रेनिंग लेने वाली महिलाओं में जनरल, एससी, एसटी, ओबीसी व माइनोरेटी  की महिलाएं शामिल रहीं। जबकि फिजिकली हैंडीकैप्ड महिलाएं शामिल नहीं रही।

 स्वरोजगार के लिए लोगों को मिला लोन

इसी मिशन के तहत सेल्फ इंप्लाएमेंट के लिए अधिकतम दो लाख रुपए का लोन भी दिया जा रहा है। जिसमें सात परसेंट आवदेनकर्ता को ब्याज देना पड़ेगा और सात परसेंट मिशन की तरफ से पूर्ति की जाएगी।  सिटी मिशन अधिकारियों के अनुसार स्वरोजगार के लिए लोन के लिए आवेदन करने वालों में भी महिलाएं खास दिचलस्पी दिखा रही है।

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