टाटा ‘स्ट्राइव’ के अंतर्गत कुमाऊं एवं गढ़वाल में स्थापित होंगे कौशल विकास केंद्र, 12,500 परिवारों की वार्षिक आय बढ़ाने का लक्ष्य

देहरादून : टाटा ट्रस्ट उत्तराखंड में संचालित राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के साथ पांच जिलों में आगामी पांच वर्षों में 12,500 परिवारों की वार्षिक आय को एक लाख रुपए से अधिक करने के लक्ष्य पर काम करेगा। टाटा कौशल विकास के लिए अपनी महत्वाकाक्षी योजना ‘स्ट्राइव’ के अंतर्गत कुमाऊं में पिथौरागढ़ एवं गढ़वाल में चमोली जिले में कौशल विकास केंद्र भी स्थापित करेगा। इन केंद्रों में युवाओं को हॉस्पिटेलिटी, हेल्थ केयर, ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों में रोजगारपरक प्रशिक्षण दिया जाएगा। राज्य सरकार ने दोनों केंद्रों के लिए भवन चयनित कर लिए हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की उपस्थिति में बुधवार को सचिवालय में टाटा ट्रस्ट और राज्य सरकार के मध्य एक संयुक्त घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए गए। राज्य सरकार की ओर से मुख्य सचिव एस रामास्वामी एवं टाटा ट्रस्ट की ओर से सीओओ वी रामास्वामी ने घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में क्लस्टर चिह्नित कर नियोजित तरीके से योजनाओं को लागू किया जाना जरूरी है। विशेष रूप से कृषि, औद्यानिकी, कुटीर उद्योग, डेरी, पशुपालन में क्षेत्र विशेष की भौगोलिक परिस्थितियों और वहा की जलवायु के अनुसार योजना बनाई जाए। उन्होंने कहा कि कैंसर अस्पताल के लिए भूमि का प्रबंध भी शीघ्र कर लिया जाएगा।

मुख्य सचिव एस रामास्वामी ने कहा कि संयुक्त घोषणापत्र के बाद जल्द ही विस्तृत एमओयू पर भी हस्ताक्षर किए जाएंगे। घोषणा पत्र में कहा गया है कि टाटा ट्रस्ट द्वारा राज्य सरकार के सहयोग से पूर्ण विकसित कैंसर केयर सेंटर स्थापित किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र को डिजिटल विलेज में परिवर्तित करने का लक्ष्य भी रखा गया है। इसके अंतर्गत ग्रामीणों को नगदी, डेबिट व क्रेडिट कार्ड रखने की आवश्यकता नहीं होगी। सभी लेन-देन आधार से जुड़े बैंक खाते के माध्यम से किए जा सकेंगे। वर्तमान में टाटा द्वारा चमोली के कालेश्वर और देहरादून के थानों में डिजी कैश पर कार्य किया जा रहा है। यहा ग्रामीणों को प्वाइंट ऑफ सेल पर भीम आधार एप के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। टाटा द्वारा ओपन इग्नाइट योजना के अंतर्गत प्रदेश में विज्ञान के छात्रों को सॉफ्टवेयर स्किल्स में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव मनीषा पंवार, सचिव मुख्यमंत्री राधिका झा, पूर्व एफआरडीसी विभापुरी दास सहित शासन एवं टाटा ट्रस्ट के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

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