कौशल विकास योजना सिर्फ कागजी न हो, ट्रेनिंग के बाद रोजगार भी मिले : राज्यपाल

रांची (झारखंड) : राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि कौशल विकास योजना सिर्फ कागजी न हो, ट्रेनिंग के बाद बच्चों को रोजगार मिले, यह सुनिश्चित करें। कहा कि बच्चों को कौशल विकास का गुणात्मक प्रशिक्षण दिया जाए ताकि उन्हें रोजगार सुलभ हो सकें। उन्होंने रोजगार प्राप्त करनेवाले बच्चों का रिकार्ड तैयार करने का भी निर्देश दिया।

वह बुधवार को राज्य सरकार द्वारा संचालित आदिम जनजाति, अनुसूचित जाति व जनजाति, ओबीसी एवं अल्पसंख्यकों के लिए विकास व कल्याणकारी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा कर रही थीं। राजभवन में आहूत बैठक में उन्होंने विभागों को आपसी समन्वय के साथ लोगों के लिए काम करने की सलाह दी।

श्रम नियोजन विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि विभाग विगत तीन वर्षों की ट्रेड वार पास एवं विद्यार्थियों को प्राप्त रोजगार की विवरणी समर्पित करें। आईटीआई में 32 प्रकार के ट्रेड हैं लेकिन अनुदेशक की कमी है।

पांच सालों में राज्य के 20 लाख लोगों को कौशल विकास का ट्रेनिंग देने का लक्ष्य

अपर मुख्य सचिव (ग्रामीण विकास) एनएन सिन्हा ने कहा कि दीनदयाल ग्रामीण कौशल विकास योजना के तहत सक्रियतापूर्वक कार्य किया जा रहा है।उच्च एवं तकनीकी शिक्षा सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि अगले पांच वर्षों में 20 लाख लोगों को कौशल विकास का ट्रेनिंग देने का लक्ष्य रखा गया है।बैठक में विकास आयुक्त अमित खरे, राज्यपाल के प्रधान सचिव एसके सतपथी, समाज कल्याण सचिव एमएस भाटिया, कल्याण सचिव हिमानी पाण्डेय, माध्यमिक शिक्षा एवं साक्षरता सचिव अाराधना पटनायक, श्रम नियोजन सचिव अमिताभ कौशल, स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रमुख, डा.सुमंत मिश्रा सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में सुरक्षा पुख्ता हो

राज्यपाल ने कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय में सुरक्षा और शिक्षकों की कमियों को दूर करने का भी निर्देश दिया। प्राथमिक विद्यालयों में जनजातीय विषयों की पढ़ाई आरंभ करने पर ध्यान देने को कहा। उन्होंने राज्य में पोषण की समस्या पर भी चर्चा की और जागरूकता अभियान चलाने की सलाह दी। उन्होंने यह कहा कि राज्य में आदिम जनजाति समूह की संख्या अल्प हो गई है। संभवतः ये भी कुपोषण के शिकार हैं। राज्यपाल ने कहा कि जर्जर छात्रावासों की शीघ्र मरम्मति की व्यवस्था हो। छात्रवृत्ति योजना की समीक्षा करते हुए उन्होंनें कहा कि सभी आवेदनों का अविलंब निबटारा हो जाना चाहिए।

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