ह्यूमन ट्रैफिकिंग के शिकार एवं अनाथ बच्चों को दी जाएगी कौशल विकास की ट्रेनिंग

गुमला (झारखंड) : ह्यूमन ट्रैफिकिंग के शिकार एवं अनाथ बच्चों को कौशल विकास से जोड़कर ट्रेनिंग दी जाएगी। यह बातें उपायुक्त श्रवण साय ने बुधवार को मल्टी स्टेक होल्डर मीटिंग फोर चाइल्ड राइट एंड चाइल्ड प्रोटेक्शन के तहत बच्चों के अधिकार, संरक्षण सुरक्षा पर विकास भवन में आयोजित कार्यशाला में कही। उन्होंने कहा कि बच्चों के क्षेत्र में सभी स्टेक होल्डर को मिलकर काम करना चाहिए।

ट्रैफिकिंग रोकने, अनाथ बच्चों को पुनर्वासित करने एवं शिक्षा दिलाने में हर संभव प्रयास करेंगे। बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष शंभू सिंह ने कहा कि बाल कल्याण समिति देखरेख और संरक्षण वाले बच्चों के लिए बैंच आफ मजिस्ट्रेट के रूप में काम करती है।

ट्रैफिकिंग के शिकार बच्चियों को कौशल विकास से जोड़ा जाए तथा उनकी काउंसलिंग कर कुछ दिनों तक आवासीय व्यवस्था में रखा जाए। ताकि वह पुनः ट्रैफिक होने से बच सके। अनाथ बच्चों के पुनर्वास की व्यवस्था की जाएगी तथा उन्हें शिक्षा से जोड़ा जाएगा। यौन शोषण के शिकार बच्चों को भी शिक्षा एवं पुनर्वास की व्यवस्था की जाएगी। शंभु ने पुलिस पदाधिकारियों काे भी सहयोग करने को अपील की। डीपीओ अरुण सिंह ने कौशल विकास की जानकारी दी। लेबर सुपरिटेंडेंट ने भी सुरक्षित पलायन और चाइल्ड लेबर के विषय में बताया। डीएसपी इंद्रमणि चौधरी ने कहा की पुलिस बच्चों के हित में कार्य करने में कोई कोताही नहीं बरतती है।

सभा का संचालन बाल सखा के राहुल ने किया। इस मौके पर डीडीसी नागेंद्र सिन्हा, सीएस जेपी सांगा, डीएसई गणौरी मिस्त्री, सीडब्लूयसी के अलखनारायण सिंह, संजय भगत, श्रम अधीक्षक रंजीत कुमार, प्रधान दंडाधिकारी सह न्याय अध्यक्ष, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य, पियुष सेन गुप्ता, राहुल प्रवीण, सुदर्शन बड़ाईक, महिपाल साहू, पुष्पा शर्मा सहित अन्य लोग मौजूद थे।

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