स्किल और विल मिलकर उद्योगों में कर सकते हैं चमत्कार

स्टील या अन्य कंपनियों में एक्सपर्ट की जरूरतों को पूरा करने के लिए शिक्षण संस्थाओं के साथ इंडस्ट्री का संवाद शुरू हो गया है। कंपनी के प्रोडक्शन और पॉलिसी के बीच तालमेल बनाने की टेक्निक को भी कॉलेजों में पढ़ाने पर जोर दिया जा रहा।

किताबी ज्ञान के अलावा प्रैक्टिकल पर फोकस करते हुए इंडस्ट्री एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए क्वालिटी सर्कल फोरम ऑफ इंडिया ने एजुकेशनल इंस्टीट्यूट के साथ तालमेल बनाया है। जिससे इंडस्ट्री में कुशल मैनपॉवर की कहां-कहां और किस पैमाने पर जरूरत है। उसी आधार पर पढ़ाई कराकर कंपनियों में कुशल मैनपॉवर की समस्या का समाधान करने का टार्गेट तय गया। भिलाई चैप्टर ने इंडस्ट्री में काबिल और कुशल मैनपॉवर की जरूरतों के लिए 24 से ज्यादा कंपनियों व शैक्षणिक संस्थाओं के बीच सीधा संवाद कराया। जिसमें मानव संसाधन में “स्किल’ डेवलपमेंट के साथ “विल’ का यानि इच्छाशक्ति डेवलप करने की रूपरेखा तैयार की गई। स्किल और विल मिलकर उद्योगों में चमत्कार कर सकते हैं। भिलाई चैप्टर के पीआरओ सत्यवान नायक के संयोजन में कार्यक्रम हुआ। जिसमें इन सभी मुद्दों पर चर्चा की गई, ताकि प्रदेश के उद्योंगों में एक्सपर्ट उपलब्ध कराए जा सकें। इससे स्टूडेंट्स के साथ उद्योगों को भी फायदा हो सकेगा।

क्वालिटी मैनपॉवर पर चांसलर ने दिए टिप्स

ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. बीके स्थापक ने कहा कि हमें छत्तीसगढ़ के उद्योग जगत की मानव संसाधनों की जरूरतों को समझने में मदद मिलेगी। शिक्षण संस्थानों को उद्योगों के जरूरतों के अनुरूप मानव संसाधन उपलब्ध कराने में सहायता मिलेगी। हम उद्योगों को क्वालिटी मैनपॉवर की आपूर्ति कर सकेंगे। मुम्बई के मोटिवेशनल स्पीकर संदीप ग्रोवर ने भी वर्तमान व्यावसायिक परिदृश्य में एचआर की चुनौतियों पर खरा उतरने के टिप्स दिए।

जापानी पद्धति को अपनाएंगे स्टूडेंट्स

क्वालिटी सर्कल, काॅइज़न और5-एस जैसे जापानी पद्धतियों को भी छात्र-छात्राओं से वाकिफ कराया जाएगा। इंडस्ट्री में काम के दौरान किस तरह की व्यवस्थित व्यवस्था करनी है। आमतौर पर लोग पालन नहीं कर पाते। जिसका असर प्रोडक्शन आदि पर पड़ता है। बचाने के लिए जापानी पद्धति के फॉर्मूले यानि कामकाज को बेहतर करने का तरीका भी बताया जाएगा। कब काम शुरू करें,साफ-सफाई,स्टोर,फाइलों को व्यवस्थित रखने के सिस्टम को बेहतर करेंगे।

पुराने पैटर्न नहीं, पढ़ाई के साथ टेक्निकल नॉलेज पर फोकस

शैक्षणिक संस्थाओं में इंडस्ट्री के हिसाब से पढ़ाई कराने और टेक्निकल नॉलेज देने पर फोकस किया जा रहा है। इसके लिए एचआर मीट हुई। छत्तीसगढ़ के उद्योगों व शैक्षणिक संस्थानों में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश की कंपनियों के एक्सपर्ट जुटे। भिलाई चैप्टर और जायसवाल निको लिमिटेड रायपुर की ओर से एचआर मीट में छत्तीसगढ़ के उद्योग जगत के साथ-साथ शिक्षा जगत के प्रतिष्ठित संस्थानो ने शिरकत की। ताकि दोनों वर्ग मिलकर एक-दूसरे की जरूरतों को समझ सकें। अब तक शैक्षणिक संस्थाओं में पढ़ाई का पैटर्न कुछ और ही होता। जिसका सही इस्तेमाल कंपनियों में पढ़ाई के बाद स्टूडेंट नहीं कर पा रहे थे। इसमें जापानी पद्धति को अपनाने के बारे में भी चर्चा की गई।

उद्योग व शिक्षा जगत से आये लोगों को इन फॉर्मूले को एजुकेशन में अपनाने का सुझाव दिया। जिसको सभी ने स्वीकार किया। इसके तहत इंडस्ट्रियल पार्ट्स आदि रखने के तरीके के बारे में भी बताया जाएगा।

शैक्षणिक व औद्योगिक संस्थानों में क्वालिटी कंसेप्ट्स पर ही होगी ट्रेनिंग

एचआर मीट में क्यूसीएफआई के डायरेक्टर व भिलाई चैप्टर के महासचिव जीपी सिंह ने क्यूसीएफआई के विभिन्न शैक्षणिक व औद्योगिक संस्थानों में क्वालिटी कंसेप्ट्स के समग्र प्रशिक्षण पर प्रकाश डाला। क्वालिटी कंसेप्ट्स के आधार पर ही ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाने की बात सामने आई। जिससे किताबी ज्ञान के साथ ही इंडस्ट्री के वर्क कल्चर को समझने और तकनीकी से रू-ब-रू कराना संभव हो सकेगा। छत्तीसगढ़ के शैक्षणिक संस्थानों में क्यूसीएफआई द्वारा छात्रों को विभिन्न क्वालिटी कंसेप्ट्स से रूबरू कराने के उद्देश्य से चलाए जा रहे विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों की समग्र जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि उद्योगों की क्या-क्या जरूरत है। इसे पढ़ाई के साथ जोड़ कर एक्सपर्ट तैयार किए जाएंगे। स्टूडेंट्स भी जरूरत के हिसाब से खुद को तैयार कर सकेंगे। इससे उन्हें बेहतर रोजगार भी उपलब्ध हो सकेगा।

श्रम कल्याण योजनाओं में नहीं होगी कोताही, बढ़ाएंगे मनोबल

छत्तीसगढ़ शासन के वेल्फेयर कमिश्नर अजितेष पाण्डेय ने औद्योगिक कर्मचारियों के लिए चलाए जा रहे श्रम कल्याण योजनाओं का शत-प्रतिशत क्रियान्वयन करके कर्मियों का मनोबल बढ़ाने पर जोर दिया। जिससे कार्यस्थल पर मेहनत करने वाले कर्मचारियों को आर्थिक संकट से न जूझना पड़े। एचआर मीट की परिकल्पना जायसवाल निको लिमिटेड के एचआर हेड डीके मोहंती एवं क्यूसीएफआई के डायरेक्टर जीपी सिंह ने तैयार की थी। एमपी सिंह, क्यूसीएफआई के डायरेक्टर जीपी सिंह, ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ. बीके स्थापक, संदीप ग्रोवर, निशांत त्रिपाठी, बिजू जॅान ने भी एजुकेशन सिस्टम और इंडस्ट्री के लिए मिलकर ठोस रणनीति बनाने लिए जल्द ही बड़ा फैसला लेने की मंशा जाहिर की। ठोस रणनीति बनाने से तेजी से औद्योगिक विकास होगा।

प्रदेश सरकार ने औद्योगिक स्कीम पर बढ़ाया हाथ, बनाई रूपरेखा

राज्य सरकार ने औद्योगिक कर्मचारियों की स्कीम तैयार की है। केबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त बीओसी डब्ल्यू के अध्यक्ष मोहन एंटी ने मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना (एमएमकेवीवाई) से एजुकेशन सिस्टम और इंडस्ट्री की जरूरतों को बेहतर करने की रूपरेखा बतायी। उन्होंने उद्योग जगत से इस योजना का लाभ उठाने की अपील की। उद्योग जगत के मानव संसाधन की जरूरत को समझने और इसी के आधार पर शिक्षा जगत को मानव संसाधन तैयार करने की आगामी तैयारियों के लिए मिलकर काम करने पर सहमति बनी। जिससे छत्तीसगढ़ में रोजगार के अवसरों में वृद्धि हो सके। इससे स्थानीय स्टूडेंट्स को बेहतर रोजगार मिल सकेगा और उद्योंगों को एक्सपर्ट मिलेंगे। जिससे उद्योगों का प्रोडक्शन बेहतर किया जा सकेगा।

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