विश्वविद्यालयों में खोले जाएंगे कौशल विकास केंद्र : महेंद्र नाथ

लखनऊ : उच्च शिक्षा में सुधार के लिए केंद्र सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। भाषाओं का विकास होगा। साथ ही युवाओं का कौशल निखारने के लिए विकास केंद्र खोले जाएंगे। ये केंद्र हर विश्वविद्यालय में होंगे। ये कहना था केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय का। वे आगरा में केंद्रीय हिंदी संस्थान में डिजिटल लाइब्रेरी के उद्घाटन पर आए थे। इस दौरान उन्होंने हिन्दुस्तान से आगामी योजनाओं, ब्रज की संस्कृति और ब्रज भाषा के विकास, युवाओं के रोजगार और अन्य नीतिगत विषयों पर विस्तार से चर्चा की।

प्रश्न : मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री के तौर पर आपकी क्या प्राथमिकताएं हैं? कौशल विकास के लिए क्या योजनाएं हैं?
उत्तर : कौशल विकास प्रधानमंत्री की प्राथमिकताओं में है। हमारी सरकार ने युवाओं के लिए कौशल विकास विभाग खोला है। सभी विश्वविद्यालयों में कौशल विकास केंद्र खोले जाएंगे। यहां शिक्षा के हर क्षेत्र से जुड़े बच्चों को रोजगार संबंधी तकनीकी प्रशिक्षण मिलेगा। साथ ही मुद्रा योजना के तहत उनको लोन दिया जा रहा है। इसके अलावा जो भी अपना स्टार्टअप करना चाह रहे हैं। उन्हें भी सुविधाएं दी जा रही हैं।

प्रश्न : विश्व के टॉप-20 शिक्षण संस्थानों में देश का कोई संस्थान शामिल नहीं हो सका है? इसमें सुधार के लिए आपका मंत्रालय क्या कदम उठा रहा है?
उत्तर : हमारे संस्थानों ने टॉप-200 में स्थान बनाया है। उनकी रेटिंग को और बेहतर कराने की तैयारी की जा रही है। तकनीकी व अन्य 10-10 विश्वस्तरीय संस्थान बनाए जाएंगे। आईआईएम को स्वायत्त संस्था बनाने का काम तेजी से हो रहा है। इसके तहत कैग इनका ऑडिट करेगा बाकी सारे फैसले ये संस्थान स्वयं लेंगे। इसे लेकर लोकसभा से प्रस्ताव पास हो चुका है अब राज्यसभा से पास कराना शेष है।

प्रश्न : यूजीसी (यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन) और एआईसीटीई ( अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा पर्षद ) के स्थान पर एक ही नियामक संस्था हीरा (हायर एजुकेशन इंपावरमेंट रेगुलेशन एजेंसी) बनाने का क्या कोई प्रस्ताव है?
उत्तर : दोनों संस्थाओं के स्थान पर एक ही रेगुलेशन एजेंसी बनाने का विचार कोई नया नहीं है। कई बार केंद्रीय कमेटियों द्वारा शिक्षा के स्तर को बढ़ाने के लिए इस तरह की संस्तुति की गई है। हालिया समय में भी इस पर चर्चा हुई है। हालांकि इस प्रकार का कोई प्रस्ताव मंत्रालय की ओर से फिलहाल नहीं है।

प्रश्न : विद्यालयों में स्वच्छता के लिए आपका मंत्रालय प्रतिबद्धता दिखा रहा है लेकिन ग्रामीण इलाकों के स्कूलों में शौचालय दूर की कौड़ी है?
उत्तर : स्वच्छता अभियान के लिए प्रधानमंत्री की ओर से सख्त निर्देश दिए गए हैं। इस पर लगातार काम भी किया जा रहा है। अभी तक राज्य सरकार से पूरा सहयोग न मिलने के कारण विकास उस रफ्तार से नहीं हो सका था जैसा होना चाहिए था। आगामी छह महीने में काम दिखाई देने लगेगा।

प्रश्न : ब्रज क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को ध्यान में रखकर क्या कोई योजना बनाई जा रही है। यहां की खड़ी बोली के विकास की कोई योजना है?
उत्तर : हिंदी साहित्य में ब्रज का महत्वपूर्ण योगदान है। तमाम साहित्य ब्रज भाषा से भरे हैं। ऐसे में इसका विकास बहुत जरूरी है। ब्रज क्षेत्र और ब्रज भाषा के लिए केंद्र सरकार की कई योजनाएं हैं। ब्रज भाषा को डिजिटलाइज कराने पर काम किया जा रहा है, ताकि यह वैश्विक भाषा का रूप ले सके।

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