कौशल विकास केन्द्र के रूप में की जाएगी जापान इंस्टीट्यूट ऑफ मैन्यूफेक्चरिंग की स्थापना

जयपुर :  मुख्यमंत्री श्रीमती वसुन्धरा राजे की अध्यक्षता में मंगलवार को मुख्यमंत्री निवास में हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में राज्य के 300 सरकारी विद्यालयों को पीपीपी मॉडल पर संचालित करने तथा जापान सरकार के सहयोग से युवा इंजीनियरों के प्रशिक्षण के लिए कौशल विकास संस्थान स्थापित करने सहित कई महत्त्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

श्री राठौड़ ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की नवम्बर, 2016 की जापान यात्रा के दौरान जापान के प्रधानमंत्री के साथ हुए एमओयू की अनुपालना में अलवर जिले के नीमराना में कौशल विकास केन्द्र के रूप में जापान इंस्टीट्यूट ऑफ मैन्यूफेक्चरिंग की स्थापना की जाएगी। मंत्रिमण्डल ने इसके लिए एक रुपये लीज पर भूमि आवंटित करने पर सहमति दी है। इस केन्द्र में आगामी 10 वर्षों में 30 हजार इंजीनियर और तकनीकी अधिकारियों को कौशल विकास के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।

संसदीय कार्य मंत्री श्री राजेन्द्र राठौड़ ने मंत्रिमण्डल की बैठक में हुए निर्णयों की जानकारी मीडिया को देते हुए बताया कि मंत्रिमण्डल ने प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और पिछड़े क्षेत्रों में बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्कूल शिक्षा विभाग की सार्वजनिक-निजी सहभागिता (पीपीपी) नीति-2017 को मंजूरी दी है। इस नीति के तहत प्रथम चरण में राज्य के कुल 9895 माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में से 300 विद्यालयों को पीपीपी मोड पर संचालित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य के आदर्श विद्यालय तथा संभागीय एवं जिला मुख्यालयों के विद्यालय इस नीति से बाहर रहेंगे। इन विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को वर्तमान में उपलब्ध अनुदान, छात्रवृत्ति और मिड-डे-मील आदि सभी सुविधाओं का लाभ मिलता रहेगा। साथ ही, विद्यार्थियों या अभिभावकों पर फीस के रूप में कोई अतिरिक्त भार नहीं आएगा।

श्री राठौड़ ने बताया कि इस नीति के तहत विद्यालयों के संचालन के लिए रिवर्स बिडिंग के माध्यम से शिक्षण संस्थाओं और गैर सरकारी संगठनों से निविदाएं आमंत्रित की जाएंगी। निजी सहभागी को विद्यालय आवंटित होने पर उसे आधारभूत संरचना के विकास के लिए 75 लाख रुपये प्रति स्कूल खर्च करने होंगे। अध्यापकों और अन्य कर्मचारियों पर वर्तमान में सरकार द्वारा किए जा रहे प्रति विद्यार्थी खर्च का पुनर्भरण राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। इस नीति के तहत इन विद्यालयों में काम कर रहे शिक्षकों एवं अन्य कर्मचारियों को दूसरे विद्यालयों में स्थानान्तरित किया जाएगा।

Note: News shared for public awareness with reference from the information provided at online news portals.