कौशल विकास रोजगार मेले में 2 दिन में 15,000 पंजीकरण, 120 विभिन्न कम्पनियों के स्टॉल, लेकिन हकीकत सिर्फ 20 लोगों को ही मिली नौकरी

छपरा : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना ‘स्किल इंडिया’ के तहत बिहार के छपरा में रोजगार मेला आयोजित किया गया था। रोजगार मेले में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कौशल विकास को लेकर लंबी चौड़ी बातें तो कीं, लेकिन हकीकत यह है कि रोजगार मेले में 2 दिन में सिर्फ 20 लोगों को ही रोजगार मुहैया कराया गया।

ऐसा भी नहीं है कि युवा इस रोजगार मेले की ओर आकर्षित नहीं हुए। दो दिन में कुल 15,000 लोगों ने पंजीकरण कराया। इतना ही नहीं रोजगार मेले में 120 कंपनियों ने स्टॉल भी लगाए हैं। लेकिन रोजगार मुहैया कराने में न तो केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के दावे सफल रहे और न ही मेले में जुटीं इतनी कंपनियां।

120 कंपनियों ने लगाए स्टॉल

रोजगार मेले में 120 विभिन्न कम्पनियों ने स्टॉल लगाए थे, जिनमें राजमिस्त्री से लेकर फार्मासिस्ट, पैथालॉजी, ब्यूटीशियन, स्पा, सिक्योरिटी इंचार्ज, जेसीबी चालक सहित विभिन्न रोजगार मुहैया कराने वाली कम्पनियां शामिल थीं। इस रोजगार मेले में 2 दिनों में लगभग 15000 युवक और युवतियों ने पंजीकरण करवाया। लेकिन इतने ताम-झाम के बाद मेले में सिर्फ 20 लोगों को विभिन्न कम्पनियों में रोजगार मिला।

हर प्रतिष्ठान के लिए GST एक्सपर्ट अनिवार्य

बिहार के श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने इस अवसर पर बताया कि बिहार में छोटी बड़ी मिलाकर 8 लाख प्रतिष्ठान पंजीकृत हैं। जिस तरह हर दवा की दुकान खोलने के लिए फार्मासिस्ट होना आवश्यक है, उसी तरह प्रदेश में हर प्रतिष्ठान के लिए GST एक्सपर्ट रखना आवश्यक किया जाएगा। साथ ही उन्होंने कहा कि जिनको भी रोजगार मिलेगा, उस कम्पनी में 6 महीने बाद तहकीकात की जाएगी कि उस व्यक्ति का रोजगार कायम है कि नहीं।

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