रोजगार और कौशल विकास पर केन्द्रित शोध प्रस्तावों को दें गतिः विश्वविद्यालय कुलपति

जबलपुर : रोजगार और कौशल विकास पर केन्द्रित शोध प्रस्तावों को त्वरित गति से म0प्र0 विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी परिषद (मैपकास्ट) जैसी संस्थाओं तक पहुंचाना चाहिए, ताकि इन प्रस्तावों का उद्देश्य्य पूर्ण हो सके। शोध प्रस्ताव तैयार करते समय इस बात का सदैव ध्यान रखना है कि इससे समाज को क्या लाभ मिलने जा रहा है। उक्त विचार कुलपति प्रो0 के0डी0 मिश्र ने विश्वविद्यालय के विज्ञान भवन में आयोजित विशेष वार्ता की अध्यक्षता करते हुए व्यक्त किए। विज्ञान भवन में मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी परिषद् की कौशल विकास में भूमिका विषय पर आयोजित विशेष वार्ता में डा0 नवीन चन्द्रा, महानिदेशक, म।प्र। विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी परिषद्, भोपाल मुख्य अतिथि के रूप उपस्थित हुए।

व्यावसायिक अध्ययन एवं कौशल विकास संस्थान के निदेशक प्रो0 सुरेन्द्र सिंह ने अतिथि का परिचय दिया और बताया कि विश्वविद्यालय ने कौशल विकास गतिविधियों के साथ-साथ विद्यार्थियों को रोजगार प्रदान करने रोजगार मेलों का भी सतत् आयोजन कर रहा है।

कौशल विकास के लिए एमपीसीएसटी करेगी सहयोग

डा। चंद्रा ने बताया कि वर्तमान में सबसे बड़ी चुनौती नए-नए रोजगार विकसित करना है। परिषद् का पूरा ध्यान डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया जैसी योजनाओं को सफल बनाने पर केन्द्रित है। उन्होंने शोध कार्यों के लिए फैलोशिप बढ़ाने जैसे सुझावों पर शीघ्र अमल करने, शोध प्रस्तावों की राशि बढ़ाने, ऑनलाईन पोर्टल के जरिए शोध प्रस्ताव प्रस्तुत करने, इस प्रक्रिया के सरलीकरण सहित मैपकास्ट द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं, परियोजनाओं, प्रशिक्षण कार्यक्रमों एवं अन्य वैज्ञानिक गतिविधियों की जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर प्रो। जे।एम। केलर, प्रो।आर।पी। मिश्रा, डा। अजय मिश्रा, डा। दानिश सिद्दीकी, डा। मीनल दुबे, डा0 उरूज फातिमा, सुनील कुमार सहित छात्र-छात्राएं एवं प्राध्यापकगण उपस्थित थे।

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