मराठा समुदाय के युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए शुरू किया जाएगा कौशल विकास कार्यक्रम, 50 लाख तक कर्ज मुहैया कराने की सिफारिश

मुंबई : मराठा समाज को आरक्षण के मामले को दरकिनार करते हुए फडणवीस सरकार उन्हें लुभाने के लिए कुछ और ही निर्णय ले रही है। मंगलवार को राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटील की अध्यक्षता में उपसमिति की मंत्रालय में बैठक हुई। बैठक में पहले लिए गए फैसलों की भी समीक्षा की गई। बैठक के बाद राजस्व मंत्री पाटील ने कहा कि मराठा समुदाय के युवाओं को उद्योगपति बनाने के लिए अण्णासाहेब पाटील आर्थिक विकास निगम की ओर से एफपीओ कर्ज योजना के तहत व्यक्तिगत तौर पर 10 लाख रुपये और सामूहिक तौर पर 50 लाख रुपये का कर्ज देने की सिफारिश समिति ने की है।

मंत्रिमंडल की उपसमिति को बताया गया कि मराठा समुदाय के युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए कौशल विकास कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। इस क्रम में कृषि से संबंधित व्यवसाय शुरू करने के लिए 45 हजार लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस बैठक में सहकारिता मंत्री सुभाष देशमुख, शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े, कौशल विकास मंत्री संभाजी पाटील-निलांगेकर व अन्य लोग उपस्थित थे। उपसमिति की बैठक अगले सप्ताह फिर होगी जिसकी तारीख के बारे में अंतिम निर्णय बाद में लिया जाएगा।

राजस्व मंत्री ने एक सप्ताह के अंदर प्रस्ताव तैयार करने और उसे मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल की उपसमिति में लाए जाने का निर्देश दिया है। उन्होंने ओबीसी प्रमाणपत्र आसानी से मुहैया कराने का भी निर्देश दिया। बैठक में मराठा समुदाय के छात्रों को आवास उपलब्ध कराने पर भी चर्चा हुई। राजस्व मंत्री ने कहा कि छात्रों को हॉस्टल का किराया दिलाने संबंधी मामले को वित्त विभाग के साथ चर्चा करें और जल्द से जल्द इस पर निर्णय लें।

कुछ महीने पूर्व आरक्षण की मांग को लेकर मराठाओं के क्रांति आंदोलन के कारण दबाव में आए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उनकी मांगों पर गहराई से विचार करने के लिए मंत्रालय की उपसमिति का गठन किया था। इस उपसमिति ने मराठा युवाओं को खुद के उद्योग खड़ा करने के लिए 50 लाख रुपये तक का सामूहिक कर्ज मुहैया कराने की सिफारिश की है। यह राशि उन्हें अण्णासाहेब पाटील आर्थिक विकास निगम की ओर से एफपीओ कर्ज योजना के तहत मिलेगी।

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