अब हर सरकारी विभाग में कुल स्टाफ संख्या का 10 फीसदी स्टाफ होंगे आइटीआइ के छात्र, 31 करोड़ जारी

अंबाला : आइटीआइ में प्रशिक्षण लेने वाले विद्यार्थियों के लिए अच्छी खबर है। अब हर सरकारी विभाग में कुल स्टाफ संख्या का 10 फीसदी स्टाफ आइटीआइ के छात्र ही होंगे। हर सरकारी विभाग को आइटीआइ के विद्यार्थियों को अप्रेंटिस देनी अनिवार्य कर दी गई है। अप्रेंटिस के दौरान फ्रेशर को प्रथम वर्ष न्यूनतम मानदेय का 70 फीसदी, प्रशिक्षण के दूसरे साल में 80 व तीसरे और चौथे साल में 90 फीसदी विभागों को देना होगा। वर्तमान सरकार ने न्यूनतम मानदेय 8100 रुपये तय किया है। यानी आइटीआइ में प्रशिक्षण ले रहे छात्र को कम से कम 6270 और अधिक से अधिक 7490 रुपये मिलने तय हैं। प्रदेश में इस समय करीब 35 हजार विद्यार्थी अप्रेंटिसशिप की कतार में हैं। प्रदेश में कुल करीब 168 सरकारी और 100 प्राइवेट आइटीआइ हैं।

दरअसल, कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण ट्रेनिंग विभाग ने सभी सरकारी विभागों में 2.5 से 10 फीसदी अप्रेंटिस आइटीआइ के विद्यार्थियों की अनिवार्य कर दी है। हालांकि विभागों का कहना है कि वे कुल 10 फीसदी को ही अप्रेंटिस दिलाएंगे। इस बारे में 24 अक्टूबर, 2017 को सभी विभागों को लेटर जारी कर दिया गया है। इतना ही नहीं, इसको सुनिश्चित करने के लिए दो नवंबर को चंडीगढ़ कार्यालय में वर्कशॉप भी हो चुकी है।

इस तरह देनी होगी अप्रेंटिस

-आइटीआइ में पढ़ रहे छात्र को अप्रेंटिस के दौरान न्यूनतम मानेदय का 70 फीसदी

– आइटीआइ से पास आउट को 80 फीसदी

– तीसरे और चौथे साल की ट्रेनिंग के बाद न्यूनतम मानदेय का 90 फीसद विभागों को देना होगा।

हर विभाग को इस तरह कराना होगा पोर्टल पर पंजीकरण

सरकार के आदेशानुसार सभी सरकारी विभाग www.apprenticeship.gov.in पर पंजीकरण करना होगा। साथ ही यह बताना होगा कि उसके पास कुल स्वीकृत पद कितने हैं और कितने भरे हुए व खाली हैं ताकि हर विभाग में अप्रेंटिस सुनिश्चित की जा सके। अंबाला में इसी के तहत 10 नवंबर को डीसी सभी विभागों की बैठक लेंगी। इसके साथ-साथ आइटीआइ के विद्यार्थियों को भी इसी पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा।

डिप्टी अप्रेंटिसशिप एडवाइजर, कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण ट्रेनिंग विभाग चंडीगढ़ ने बताया की हमारे पास 31 करोड़ रुपये आ गए हैं। पहले साल के खर्च हम खुद वहन करेंगे। इसके बाद सभी विभाग अपने स्तर पर इसकी व्यवस्था करेंगे। करीब 35 हजार युवा अप्रेंटिस की कतार में हैं। हर युवक को रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है। न्यूनतम मानदेय का कम से कम अप्रेंटिस के दौरान 70 व अधिक से अधिक 90 फीसदी देना होगा।

भूपेंद्र सिंह, प्रिंसिपल कम सहायक शिक्षुता सलाहकार, आइटीआइ अंबाला शहर ने बताया की यदि किसी भी विभाग को पंजीकरण कराने में दिक्कत आ रही है तो वह कभी भी 10 नवंबर से पहले मुझसे संपर्क कर सकता है। 10 नवंबर को हमारी आइटीआइ में ही जिला शिक्षुता कमेटी की अध्यक्ष एवं डीसी शरनदीप बैठक लेंगी।

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