31 एजेंसियों को 5.96 करोड़ रुपये का हुआ भुगतान पर एक भी युवा को नहीं मिला प्रमाण पत्र, न ही नौकरी, मेयर की बैठक में हुआ खुलासा

रांची : वित्तीय वर्ष 2016-17 में रांची नगर निगम ने 8250 युवाओं को स्किल डेवलपमेंट प्रदान करने के नाम पर 31 एजेंसियों को 5.96 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया है। जबकि इनमें से एक भी युवा को अब तक एजेंसी द्वारा न तो प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया गया है और न ही रोजगार। मंगलवार को निगम सभागार में मेयर आशा लकड़ा की अध्यक्षता में आहूत बैठक में इन तथ्यों का खुलासा हुआ। एनयूएलएम द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से यह भी स्पष्ट हो गया कि 31 एजेंसियों में से अब तक किसी भी एजेंसी ने प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं का प्लेसमेंट नहीं कराया है। मेयर की मानें तो यह मामला सिर्फ वित्तीय वर्ष 2016-17 का ही नहीं है। 2014-15 से ही इस योजना के तहत चयनित एजेंसियां स्किल डेवलपमेंट के नाम पर प्रशिक्षुओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर लाखों रुपये ले चुकी हैं।

मुख्य बातें

– फरवरी में कोर्स समाप्त हुआ। सेक्टर स्किल सेंटर के तहत प्रशिक्षित युवाओं की परीक्षा ली गई। लेकिन अब तक उत्तीर्ण प्रशिक्षुओं को सेक्टर स्किल सेंटर द्वारा प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराया गया।
– एनयूएलएम के तहत चयनित एजेंसियों को प्रथम किस्त के रूप में 30 फीसद, द्वितीय किस्त के रूप में 30 फीसद, तृतीय किस्त के रूप में 20 फीसद व चतुर्थ किस्त के रूप में 20 फीसद राशि का करना है भुगतान।
– पहली किस्त संस्थान के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए, द्वितीय किस्त संस्थान में उपस्थित प्रशिक्षुओं को स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग प्रदान करने के लिए, तृतीय किस्त एसएससी व एमईएस द्वारा परीक्षा लिए जाने व प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने के लिए व चतुर्थ किस्त प्रशिक्षित युवाओं को प्लेसमेंट के जरिए रोजगार उपलब्ध कराने के लिए करना है भुगतान।
– चयनित एजेंसियों की मानें तो नगर निगम द्वारा भुगतान प्रक्रिया में विलंब किए जाने के कारण प्रभावित हो रहा स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम। फरवरी में कोर्स खत्म हो गया तो कई चयनित एजेंसियों को नौ माह बाद भी द्वितीय किस्त की राशि का क्यों नहीं किया गया भुगतान।

मेयर के सवाल

– सिर्फ सीसीटीवी फुटेज व बायोमीट्रिक उपस्थिति को आधार मानकर प्रथम व द्वितीय किस्त की राशि का कैसे हो रहा है भुगतान।

– चयनित एजेंसियों द्वारा युवाओं को निर्धारित अवधि तक नियमित रूप से प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है या नहीं। इसकी जांच भी नहीं की जाती।

– चयनित एजेंसियों ने फरवरी माह में कोर्स समाप्त होने के बाद निगम कार्यालय में संबंधित दस्तावेज उपलब्ध करा चुके हैं। फिर भी संबंधित अधिकारी द्वितीय किस्त की राशि का भुगतान क्यों नहीं कर रहे हैं।

आशा लकड़ा, मेयर, रांची पेमेंट में विलंब होने के कारण इन एजेंसियों ने युवाओं का जीवन बर्बाद कर दिया। इस योजना का उद्देश्य युवाओं को प्रशिक्षित कर प्लेसमेंट के जरिए रोजगार भी उपलब्ध कराना है। लेकिन अब तक एक भी प्रशिक्षित युवा को रोजगार उपलब्ध नहीं कराया गया। कौशल विकास सिर्फ नाम के लिए नहीं होना चाहिए।

संजीव विजयवर्गीय, डिप्टी मेयर, रांची 8250 युवाओं को कैसे प्रशिक्षण दिया गया, यह गंभीर विषय है। पहले प्रशिक्षित युवाओं को प्रमाण पत्र दीजिए। उसके बाद ही किसी प्रकार का भुगतान होगा।

रामकृष्ण कुमार, सहायक कार्यपालक पदाधिकारी, रांची नगर निगम चयनित एजेंसियों द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों की जांच की जा रही है। उसके बाद ही उन्हें द्वितीय किस्त की राशि का भुगतान किया जाएगा। प्रशिक्षुओं को प्रमाणपत्र उपलब्ध नहीं कराए जाने व उन्हें प्लेसमेंट के तहत रोजगार उपलब्ध नहीं कराए जाने का कारण तृतीय व चतुर्थ किस्त की राशि का भुगतान नहीं किया गया है।

कौशल विकास के नाम पर 2016-17 में इन एजेंसियों को निगम ने किया 5.96 करोड़ रुपये का भुगतान

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