शासकीय कॉलेजों में अब यूरोपियन फ्रेम्वर्क मॉडल से होगी अग्रेंजी की पढ़ाई

भिलाई : प्रदेश के शासकीय कॉलेजों में पढ़ रहे छात्रों को अंग्रेजी भाषा में दक्ष कर रोजगार पाने योग्य बनाने के लिए जल्द ही यूरोपियन फ्रेमवर्क मॉडल अपनाया जा सकता है। यही नहीं लंदन की प्रसिद्ध कैंब्रिज यूनिवर्सिटी का मॉडल भी लागू करने पर विचार चल रहा है। इस योजना का नाम है ‘महाविद्यालयीन युवा जीवन कौशल विकास योजना जिसके लिए राज्य उच्च शिक्षा विभाग ने विशेष समिति गठित की है। खास बात यह भी है कि युवाओं को अंग्रेजी भाषा के ज्ञान के साथ-साथ कंप्यूटर और व्यवहारिक कौशल में दक्ष किया जाएगा। समिति के सदस्यों ने इसके प्रशिक्षकों की नियुक्ति आउट सोर्सिंग के जरिए करने पर जोर दिया है। उच्च शिक्षा विभाग ने इस प्रोजेक्ट की अधिसूचना जारी कर दी है।

क्या है यूरोपियन फ्रेमवर्क मॉडल : जानकारों के मुताबिक कैंब्रिज विश्वविद्यालय और यूरोपियन फ्रेमवर्क मॉडल को रोजगारपरक शिक्षा के लिए सबसे बेहतर माना जाता है। इनके सर्टिफिकेट जिन छात्रों को मिलेंगे, उनके लिए घोषित किया जाएगा कि इन्हें अंग्रेजी का ज्ञान है।

एनआईसी देगी कंप्यूटर प्रशिक्षण : छात्रों को कंप्यूटर प्रशिक्षण देने के लिए एनआईसी की जिम्मेदारी जिला स्तर पर तय की जाएगी। इसके अलावा अन्य शासकीय एजेंसियां भी इसमें सहयोग करेगी। इसी तरह व्यवहारिक कौशल के लिए स्थानीय महाविद्यालय एनएसएस की जिम्मेदारी तय की जाएगी।

बनेगा सौ घंटे का पाठ्यक्रम : विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए सौ घंटे का विशेष पाठ्यक्रम तैयार किया जाएगा। इसमें ४० घंटे अंग्रेजी के लिए, ४० घंटे कंप्यूटर और २० घंटे व्यवहारिक कौशल के लिए दिए जाएंगे। इस योजना का क्रियान्वयन आईएसओ सर्टिफाइड संस्थान या फिर कॉमन यूरोपियन फ्रेमवर्क रेफरेंस अंतरराष्ट्रीय प्रमाण पत्र प्राप्त एजेंसिया करेंगी। ये एजेंसियां छात्रों के साथ-साथ महाविद्यालय की फैकल्टी व अन्य स्टाफ को भी प्रशिक्षित करेंगे। जिससे उनकी क्षमता का विकास हो।

संसाधन उपलब्ध कराएंगे कॉलेज : कंप्यूटर और अंग्रेजी के प्रशिक्षण के लिए कॉलेज जगह व अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे। लेकिन मानव संसाधन, पाठ्य सामाग्री व अन्य कम्प्यूटर उपकरण की जिम्मेदारी एजेंसी की होगी। जल्द ही इसके लिए निविदा बुलाई जाएगी जो सुविधा की दृष्टि से दो या तीन वर्षों के लिए होगी। एजेंसी के कार्य ठीक रहने पर कलक्टर के अनुमोदन के बाद इसे आगे रिन्यू किया जाएगा।

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