कॉलेज और विश्वविद्यालय अपने पाठ्यक्रम को रखें अपडेट, कौशल विकास को दें बढ़ावा : राज्यपाल डॉ.कृष्णकांत पाल

देहरादून : राज्यपाल डॉ.कृष्णकांत पाल ने कहा कि राज्य में महिलाओं, बालिकाओं और युवाओं के कौशल विकास को प्राथमिकता दिए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार के योग्य बनाने में उद्योग जगत को आगे आना चाहिए। जिससे 60 फीसद युवाओं का सदुपयोग नए भारत के निर्माण में किया जा सके।

इंडियन सोसायटी फॉर ट्रेनिंग एंड डेवलपमेंट ने ओएनजीसी प्रेक्षागृह में बिजनेस एक्सीलेंसी फॉर सस्टेनिंग हाई परफॉर्मेस पर शुक्रवार को सेमीनार का शुभारंभ हुआ। पहले दिन राज्यपाल डॉ. केके पाल ने राज्य में कौशल विकास को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि 2022 तक 40 करोड़ युवाओं को कौशल विकास का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे में राष्ट्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता नीति में युवाओं को प्रशिक्षित कर ज्यादा से ज्यादा शामिल किया जाए। राज्यपाल ने पर्यटन, हेल्थ केयर, विनिर्माण, कृषि में रोजगार की संभावनाएं तलाशने को कहा। उन्होंने कहा कि कॉलेज और विवि अपने पाठ्यक्रम को अपडेट रखें। उन्होंने पर्वतीय जिलों में महिलाओं को कौशल विकास में सर्वोच्च स्थान दिए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

कार्यक्रम में रिलायंस ग्रुप के सीईओ डॉ. एके बालियान ने मानव संसाधन का उद्योग जगत में महत्व की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दुनिया में कई कंपनियों की तर्ज पर भारत में भी कॉरपोरेट की कार्य संस्कृति में सुधार की जरूरत है। वहीं, परमार्थ निकेतन के स्वामी चिंदानंद सरस्वती ने हरित आर्थिकी पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी काम के लिए प्लान की नहीं बल्कि शुरुआत की जरूरत है। कार्यक्रम में देशभर से आए 300 व्यवसायी, शिक्षाविद, लाइन मैनेजर, उद्यमी, गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे।

सेमिनार में संस्थान के अध्यक्ष डॉ. अविनाश चंद्र जोशी, उपाध्यक्ष एसके शर्मा, टीएचडीसी के एसके विश्वास, आइआइटी रुड़की के डॉ.एस रांगनेकर, डॉ. विनय शर्मा, दून यूनिवर्सिटी के डॉ. एससी पुरोहित, आइजी दीपम सेठ, यूजेवीएनएल के विमल डबराल व किशननाथ समेत कई अन्य मौजूद रहे।

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