भिखारियों के कौशल विकास के लिए योजना बनाने में जुटा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय

नई दिल्ली : भिखारियों की तेजी से बढ़ती संख्या से चिंतित सरकार ने इस काम में लगे लोगों को अब कमाई के दूसरे गुर भी सिखाने की तैयारी में है। इन सभी को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिलाने की तैयारी की जा रही है, ताकि वह अपना कोई भी छोटा-मोटा रोजगार शुरु करके जीवन का आसानी से निर्वहन कर सके। मौजूदा समय में देश में भिखारियों की संख्या चार लाख से ज्यादा है। इनमें करीब 2.2 लाख पुरुष और 1.9 लाख महिला भिखारी है। यह संख्या तेजी से बढ़ती ही जा रही है।

तैयारी में जुटा मंत्रालय

भिखारियों की इस तेजी से बढ़ती संख्या को काबू में करने के लिए सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने एक बड़ी पहल की है। इसके लिए स्थानीय निकायों के साथ मिलकर एक योजना बनाने में जुटी है, जिसके तहत भिखारियों को उनकी रुचि के मुताबिक हुनरमंद बनाया जाएगा। इनमें उन्हें साइकिल बनाने से लेकर दर्जी, भेल -पूरी बनाने, फूल-माला बनाने जैसे काम में भी लगाने की तैयारी है।

स्थानीय निकायों की ली जाएगी मदद

तकनीकी शिक्षा लेने वालों को इसके लिए भी प्रेरित किया जाएगा। इस योजना का मकसद सिर्फ इतना ही है कि लोगों को भीख मांगने के काम से हटा कर किसी ऐसे काम से जोड़ना है, जिससे उन्हें प्रतिदिन भीख मांगने से ज्यादा पैसा मिल सके। इसके अलावा योजना में ऐसे स्वयंसेवी संगठनों को भी शामिल करने की तैयारी है, जो इस काम में सरकार की मदद कर सकें।

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