कौशल विकास भत्ते में सामने आई बड़ी अनियमितता, CAG की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

शिमला : पूर्व सरकार के समय युवाओं को दिए गए कौशल विकास भत्ते में अनियमितता का मामला सामने आया है। इसके तहत 49 लोगों को झूठे प्रलेखों यानि दस्तावेजों पर इसका भुगतान किया गया। इसका खुलासा कैग की रिपोर्ट में हुआ है। कैग ने इसके लिए सीधे तौर पर श्रम एवं रोजगार विभाग को जिम्मेदार ठहराया है। इतना ही नहीं वर्ष, 2013-17 के दौरान 625 प्रशिक्षु अपना प्रशिक्षण पूरा नहीं कर पाए। यानि उन्होंने बीच में ही अपना प्रशिक्षण छोड़ दिया। बीच में प्रशिक्षण छोडऩे वाले लोगों पर 25 लाख रुपए व्यय किए गए। इससे उनको प्रशिक्षण का लाभ नहीं मिल पाया। प्रशिक्षण अवधि पूरी न होने से उनका कौशल विकास नहीं हो पाया। कौशल विकास का लाभ सभी पात्र लोग उठा भी नहीं पाए।

इसका कारण यह था कि इसकी सूचना पात्र लोगों को निश्चित समय में नहीं पहुंच पाई। कौशल विकास के लिए वर्तमान सरकार ने भी 100 करोड़ रुपए का प्रावधान बजट में रखा है, ऐसे में सरकार को भविष्य में इसके लिए पुख्ता सूचना तंत्र विकसित करने की आवश्यकता है।

1,85,326 युवाओं को मिला कौशल विकास का लाभ

सरकारी स्तर पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार राज्य में पूर्व सरकार के समय 1,85,326 से अधिक युवाओं को कौशल विकास भत्ता तथा 19,603 युवाओं को बेरोजगारी भत्ता दिया गया। इस तरह कौशल विकास भत्ते के रूप में 1,56,28,68,585 रुपए वितरित किए गए हैं। कौशल विकास भत्ते का लाभ सबसे अधिक कांगड़ा जिला के के 49,370 युवाओं को मिला है, साथ ही इसका सबसे कम लाभ लाहौल-स्पीति 259 युवाओं को मिला है। यानि इन युवाओं को कौशल विकास के साथ भत्ता भी मिला है। इसके विपरीत बेरोजगारी भत्ते का सबसे अधिक लाभ मंडी जिला के 3,318 तथा सबसे कम लाभ लाहौल-स्पीति के 88 युवाओं को मिला।

बेरोजगाी भत्ते पर 5.71 करोड़ रुपए किए वितरित

बेरोजगारी भत्ते के रूप में सरकार की तरफ से 27 सितम्बर, 2017 तक 5,71,72,500 रुपए वितरित किए गए। कौशल विकास को लेकर पूर्व सरकार ने 4 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए भी किए थे, जिसमें 19 औद्योगिक घरानों को साथ लिया गया। इसी तरह राज्य के 200 स्कूलों में व्यावसायिक प्रशिक्षण तथा 16 कालेजों में आतिथ्य सत्कार एवं रिटेल पाठ्यक्रम आरंभ करने का निर्णय भी लिया गया था।

नामी कंपनियों का सहयोग ले रही सरकार

कौशल विकास के लिए सरकार नामी कंपनियों का सहयोग लेने जा रही है। सरकारी स्तर पर इसके लिए सभी संभावनाओं का पता लगाया जा रहा है। इसके बाद इस दिशा में केंद्र सरकार के सहयोग से आगे बढ़ा जाएगा। कौशल विकास में रोजगार की संभावनाओं को देखते हुए राज्य सरकार ने योजना के नाम पर प्रदेश में बने भवनों की जानकारी टटोलनी आरंभ कर दी है।

Note: News shared for public awareness with reference from the information provided at online news portals.