अगर हो सच्ची लगन तो कौशल विकास प्रशिक्षण से बदल सकते हैं अपनी और दूसरों की जिंदगी

राजनांदगांव : जीवन में कुछ अलग करने की चाह से खुद की जिंदगी तो बदली, साथ ही अन्य महिलाओं को रोजगार देकर आत्म निर्भर बनाया। दुर्गा चौक निवासी रिंकू सिंह ने मुख्यमंत्री कौशल विकास के तहत 6 महीने में 680 घंटे होम फर्निशिंग का प्रशिक्षण लिया, फिर व्यवसाय शुरू कर 5 से 7 महिलाओं को रोजगार दे रही हैं।

रिंकू ने बताया कि रुचि महिला मंडल में संचालित कौशल प्रशिक्षण केंद्र में होम फर्निशिंग की ट्रेनिंग ली और घरेलू कामकाज के बाद जो टाइम मिलता उस समय हाउस इंटीरियर के लिए कुशंस, सोफा कवर, बैग व अन्य चीजें डिजाइन कर फेसबुक और वाट्सएप ग्रुप में अपलोड कर दिया करते थे। लगभग सप्ताहभर फेसबुक व अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से हाउस फर्निशिंग के लिए ऑर्डर मिलने लगे। मांग बढ़ती गई। आर्डरों को समय पर पूरा करने अब अन्य महिलाओं को राेजगार भी दिया जा रहा है। रुचि महिला मंडल के द्वारा महिलाओं को स्वरोजगार देने के लिए कौशल विकास के तहत होम फर्निशिंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 95 महिलाओं को प्रशिक्षण दे रहे हैं।

यहां दिव्यांग बेटी को इशारों से सिखाती है मां

शांति नगर की संध्या मेश्राम बचपन से ही बोल नहीं सकती है और न ही सुनती है। परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं। इसलिए इलाज भी नहीं करा पाए, लेकिन संध्या के सीखने की लगन को देखकर उसे ट्रेनिंग दी जा रही है। दिव्यांग को समझाने में ट्रेनर को दिक्कत होती थी। ऐसे में बेटी को आगे बढ़ाने के लिए मां ने भी प्रवेश ले लिया। बेटी को सिखाने के लिए पहले खुद सीखती है और इशारा कर उसे समझाती है। दिव्यांग होने के बावजूद कपड़ा सिलाई तो कर रही है।

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