विश्व कौशल अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता-2017 में जायेगा भारतीय ऑटोनोमस रोबॉट

इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कॉलेज के इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन ब्रांच (थर्ड ईयर) के दो स्टूडेंट्स ने मिलकर रोबॉट तैयार किया है। उनके इस मॉडल को भारत कौशल प्रतियोगिता के तहत कूरियर सर्विस इंप्लीमेंटेशन बाइ ऑटोनोमस रोबॉट मॉडल में सेकंड प्राइज मिला है। इसके लिए दोनों को डेढ़ लाख रुपये का चेक देकर
सम्मानित किया गया है। अब उन्हें अबुधाबी में होने वाली विश्व कौशल अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता-2017 में अपने प्रोजेक्ट को दिखाने का मौका मिलेगा।

प्रोजेक्ट इंचार्ज प्रियंका गुप्ता ने बताया कि कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय और राष्ट्रीय कौशल विकास संगठन के लिए स्टूडेंट्स के प्रोजेक्ट को चुना गया था। उन्होंने बताया कि भारत कौशल-2016 के तहत उत्तर भारत क्षेत्र की ओर से यह कॉम्पिटिशन दिल्ली में कराया गया था। इसमें इलेक्ट्रॉनिक कम्पयुनिकेशन एंड इंजीनियरिंग (ईसीई) थर्ड ईयर के छात्र हिमांशु तोमर व राजा शर्मा ने हिस्सा लिया। इस कॉम्पिटिशन में वे सेकंड प्लेस पर रहे।

2 साल में कंप्लीट हुआ प्रोजेक्ट

छात्र हिमांशु तोमर ने बताया कि उन्होंने कॉलेज में प्रवेश लेने के 2 महीने बाद ही राजा शर्मा के साथ मिलकर इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया। हालांकि बीच में
वित्तीय समस्या पर प्रोजेक्ट की इंचार्ज प्रियंका गुप्ता ने उनकी मदद की। 2 साल में प्रोजेक्ट तैयार हुआ और उन्हें सेकंड प्लेस मिला। हिमांशु ने बताया कि उनका रोबॉट सेंसर पर आधारित है। जिसमें साउंड, अल्ट्रासोनिक सेंसर लगाए गए हैं। यह सामान को एक स्थान से दूसरी जगह पर पहुंचाने का काम करता
है।

40 हजार में तैयार हुआ मॉडल

स्टूडेंट्स का कहना है कि इस रोबॉट को तैयार करने में करीब 40 हजार रुपये की लागत आई है। अभी यह रोबॉट छोटे स्तर पर है, लेकिन जब इसे बड़े स्तर पर डिवेलप किया जाएगा तो खर्च भी अधिक आएगा। उन्होंने बताया कि अभी इस रोबॉट से 40 से 50 किग्रा सामान को उठाकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से पहुंचाया जा सकता है।

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