अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में ‘स्किल इंडिया पवेलियन’, प्रदर्शित किए गए हैं मोबाइल एप और वर्चुअल ट्रेनिंग के माध्यम

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल से कौशल विकास अभियान हाईटेक हो गया है। ढांचागत वर्कशॉपों की जगह अब मोबाइल एप और वर्चुअल ट्रेनिंग के माध्यम से कुशल हाथ तैयार किए जा रहे हैं। प्रगति मैदान में लगे भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले में कौशल विकास व उद्यम मंत्रालय द्वारा लगाए गए पवेलियन में ऐसे एप और वर्चुअल संसाधन प्रदर्शित किए गए हैं, जिससे दूर गांवों में बैठे युवा मोबाइल रिपेयरिंग से लेकर ऑटो, खनन, इलेक्ट्रॉनिक समेत अन्य क्षेत्रों में पारंगत हो सकते हैं।

पुणे की कंपनी सनराइज कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर ने एक ऐसा एप लांच किया है, जिसके माध्यम से बिना किसी प्रशिक्षक के मोबाइल फोन की मरम्मत में दक्ष हुआ जा सकता है। इस बारे में कंपनी के प्रबंध निदेशक उदय एम मेहता ने बताया कि अमूमन होता क्या है कि प्रशिक्षण के पहले चरण में अभ्यर्थियों को वर्कशॉप में ले जाते हैं।

वर्कशॉप 12 घंटे का होता है लेकिन ट्रेनर दो से तीन घंटे ही होते हैं। ऐसे में बच्चों का काफी समय बर्बाद होता है। इस एप के माध्यम से ट्रेनर के बिना ही वर्कशॉप में मोबाइल मरम्मत में दक्ष हुआ जा सकता है। उन्होंने बताया कि एप को डाउनलोड करने के बाद मोबाइल फोन पर 20 से 80 एमबी का वीडियो आ जाता है। साथ ही रजिस्ट्रेशन के बाद प्रशिक्षण से संबंधित किताबें भेजी जाती हैं। किताबों पर छपी तस्वीरों पर एप चालू कर फोन से स्कैन करने के बाद संबंधित वीडियो स्क्रीन पर चलने लग जाएगा। उन्होंने बताया कि इसके लिए इंटरनेट की भी जरूरत नहीं है। इसलिए इसे ग्रामीण भारत में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि बैक पैनल, कैमरा, मदर बोर्ड समेत करीब छह मोबाइल फोन के भागों का प्रशिक्षण प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इसे अपडेट करने की भी प्रक्रिया चल रही है।

इसी तरह दिल्ली के रमन तलवार द्वारा तैयार वर्चुअल ट्रेनिंग में प्लंबरिंग, आटोमेटिव, खनन, भवन निर्माण समेत अन्य का प्रशिक्षण प्राप्त किया जा सकता है।

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