तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के निर्देश : कैंपस के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाली कंपनियों की हो जांच

भोपाल : इंजीनियिरंग कॉलेजों में होने वाले कैंपस ड्राइव में छात्रों को हायर पैकेज का प्रलोभन दिखाकर सिलेक्ट करना और फिर या तो गायब हो जाना या नौकरी के लिए नहीं बुलाने जैसे किस्से आम हैं। बदनामी के डर से प्राइवेट कॉलेज ऐसी घटनाएं छिपा लेते हैं। अब तकनीकी शिक्षा विभाग ऐसी सभी कंपनियों को बैन करने की तैयारी कर रहा है। कैंपस प्लेसमेंट के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाली कंपनियों के लिए छात्रों से फीडबैक लिया जाएगा। ऐसी सभी कंपनियों को कैंपस प्लेसमेंट की प्रक्रिया से प्रतिबंधित किया जाएगा जिनको लेकर छात्राें का फीडबैक सही नहीं मिलेगा।

तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग ने धांधली और संचालक तकनीकी शिक्षा को इसके लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं। आरजीपीवी के टीपीओ डॉ. अनिल कोठारी ने बताया कि नई व्यवस्था में छात्रों के फीडबैक के लिए आरजीपीवी के पोर्टल पर लिंक रहेगा।

यह पहली बार है जब सरकार द्वारा इस तरह की कार्रवाई की जा रही है। अब कॉलेजों को ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट ऑफिसर (टीपीओ) द्वारा वास्तविक इंडस्ट्रीज व कंपनीज से संपर्क कर ऑफ केंपस प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना होगा। पुराने छात्रों का नेटवर्क तैयार कर उसे मजबूत करना। इतना ही नहीं, बल्कि छात्रों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने शासन द्वारा चलाई जा रही विभिन्न गतिविधियों की जानकारी के साथ ही स्टार्ट अप के लिए ट्रेनिंग की व्यवस्था करना।

एल्युमनाई पोर्टल के माध्यम से संस्थाओं द्वारा प्लेसमेंट की प्रक्रियाएं सुदृढ़ करनी होंगी। प्लेसमेंट संबंधी उपलब्धियों को एकजाई कर विवि आैर काउंसलिंग की वेबसाइट पर अपलोड किए जाने के लिए प्लेटफॉर्म उपलब्ध करानी होंगी एवं संबद्ध कॉलेजों के लिए एक केंद्रीयकृत पोर्टल स्थापित हो, जिसमें छात्रों का डाटा रहेगा।

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