रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि राज्य को तकनीकी शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में राष्ट्रीय मानक के स्तर तक पहुंचाने के लिए एक साथ तीन प्रमंडलीय मुख्यालय पलामू, हजारीबाग व दुमका में मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास किया जा रहा है। पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान किए गए वादे को आज पूरा किया जा रहा है। अगले दो वर्ष में निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा और इसी के साथ यहां पढ़ाई भी शुरू कर दी जाएगी। इसकी अगली कड़ी में शीघ्र ही बोकारो, चाईबासा व कोडरमा में मेडिकल कालेज की आधारशिला रखी जाएगी। निर्माण में अड़ंगा डालनेवालों को सीधे जेल भेज दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि सभी प्रमंडलीय मुख्यालयों में फार्मेसी व तकनीकी शिक्षा की पढ़ाई होगी और राज्य के सभी सदर अस्पताल में नर्सिंग कॉलेज खोले जाएंगे। राज्य को कौशल विकास योजनाओं के माध्यम से हुनरमंद बनाया जाएगा। सरकार एसएमएस (समता, ममता व समरसता) के जरिए राज्य का विकास करेगी। मुख्यमंत्री गुरुवार को पलामू, हजारीबाग व दुमका में मेडिकल कालेज के शिलान्यास कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
हजारीबाग में मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद 1960 में रांची में पहला मेडिकल कॉलेज शुरू हुआ। उसके बाद जमशेदपुर और धनबाद में एक-एक मेडिकल कॉलेज बने। इसके बाद के 45 वर्षों में इस क्षेत्र में एक भी मेडिकल कॉलेज नहीं बना। हमारी सरकार ने अपने दो वर्षो के कार्यकाल में गुरुवार को एक ही दिन तीन-तीन मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास कर दिया। उन्होंने हजारीबाग में ङ्क्षरग रोड और दो अन्य सड़कों की स्वीकृति की भी घोषणा की।
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पलामू जिले के सदर प्रखंड के पोखराहा खुर्द में मुख्यमंत्री ने कहा कि मेडिकल कॉलेज, फार्मेसी कॉलेज, इंजीनियङ्क्षरग कॉलेज व अन्य शैक्षणिक संस्थान खोलने से राज्य से जहां प्रतिभा का पलायन रुकेगा वहीं राज्य से एक बड़ी राशि बाहर नहीं जा सकेगी। स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करना सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए राज्य में 328 एंबुलेंस उपलब्ध कराया जा रहा है।
दुमका में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि देवघर में एम्स की स्थापना और दुमका में मेडिकल कॉलेज खुलने का बाद संताल परगना में स्वास्थ्य सेवा और बेहतर होगी। इससे 10 हजार से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अपरोक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या पर दुमका, पलामू और हजारीबाग में लगभग 1000 करोड़ रुपये की लागत से तीन मेडिकल कॉलेजों की आधारशिला रखी जा रही है। सरकार ने इन कालेजों के निर्माण की जिम्मेदारी अंतरराष्ट्रीय स्तर की कंपनी को सौंपी है। निर्माण की मियाद दो वर्ष तय की गई है।
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