रायगढ़ : घूमंतु बच्चों को अब किताबी ज्ञान के साथ ही साथ रोजगार से जोडऩे के लिए भी प्रशिक्षित किया जाएगा। हांलाकि इस योजना का क्रियान्वनयन इस सत्र से चालू नहीं हो पा रहा है। विभाग के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले दिनों रायपुर में हुई बैठक में एक सर्कुलर जारी किया गया है, जिसमें बताया गया है कि इस बार बालश्रमिक प्रशिक्षण केंद्र में एक नया प्रयोग किया जा रहा है।
दो बाल श्रमिक प्रशिक्षण केंद्र के पीछे एक व्यवसायिक प्रशिक्षक की नियुक्ति करनी है। इसके अलावा किताबी ज्ञान के लिए वहां अलग से शिक्षक नियुक्त रहेगा। इसके लिए बच्चों की संख्या के हिसाब से सेटअप तैयार किया जा रहा है। इस योजना के तहत इस सत्र सर्वे कर रिपोर्ट तैयार करने का काम किया जा रहा है। प्रदेश के सभी जिलों से रिपोर्ट एकत्र करने के बाद इसे केंद्र को भेजा जाएगा और वहां से मुहर लगने के बाद इस योजना को धरातल पर उतारा जाएगा। यही कारण है कि यह सभावना जताई जा रही है कि यह अगले सत्र से लागू हो सकता है|
संख्या के हिसाब से होगा केंद्र हर प्रशिक्षण केंद्र में कम से कम 15 और अधिकतम 40 बच्चों का मापदंड रखा गया है। इससे अधिक संख्या होने पर समीपस्थ क्षेत्रों में दूसरा प्रशिक्षण केंद्र चालू किया जाएगा। ताकि यहां आने वाले बालश्रमिकों को अच्छे से पढ़ाया जा सके। बालश्रमिकों के सर्वे करने के लिए शिक्षा विभाग और श्रम विभाग को जिम्मा दिया गया है। श्रम विभाग के अधिकारियों के अनुसार सर्वे का काम चालू कर दिया गया है। कुछ क्षेत्रों में सर्वे कर लिया गया है। जल्द ही सर्वे रिपोर्ट पूरी करते हुए जिला प्रशासन के माध्यम से शासन को भेजने की बात कही जा रही है।
शासन द्वारा तैयार किए गए सर्कुलर में यह भी कहा गया है कि बालश्रमिक बच्चों के केंद्र में आने के बाद परिवार के सामने आर्थिक समस्या आती है। इसको देखते हुए बालश्रमिक परिवारों को बीपीएल कार्ड व शासन की अन्य योजनाओं का लाभ दिलाया जाएगा ताकि बच्चों के पढ़ाई में कोई समस्या न आए। बैठक में यह कहा गया है कि व्यवसायिक शिक्षक की नियुक्ति करनी है। इसके अलावा अब इसे स्कूल का नाम न देकर प्रशिक्षण केंद्र का नाम दिया जा रहा है। जल्द ही सर्वे रिपोर्ट भेजा जाएगा।
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