पटना : बिहार के युवाओं का कौशल प्रशिक्षण 15 नवंबर से शुरू हो जाएगा। हर प्रखंड में कौशल विकास केंद्र स्थापित हो चुके हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को भर्ती, प्रशिक्षण और तैनाती योजना का शुभारंभ करने के दौरान यह बात कही।
मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद कक्ष में उन्होंने कहा कि बिहार के युवाओं में सीखने की प्रवृति है। वे मेहनती हैं। इसकी प्रशंसा राज्य के बाहर भी होती है, पर बेहतर प्रशिक्षण के अभाव में युवाओं को अधिक वेतन वाला काम नहीं मिल पाता है। इसलिए राज्य सरकार प्रशिक्षण योजना की शुरुआत कर रही है, ताकि यहां के युवा हुनरमंद बनें।
इस योजना के तहत निजी कंपनियां युवाओं का चयन करेगी, उन्हें प्रशिक्षित करेगी और फिर उन्हें रोजगार देगी। उन्होंने कहा कि सरकार सबको नौकरी नहीं दे सकती। सरकार की एक सीमा है। निजी क्षेत्र में नौकरी की अधिक संभावनाएं हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने 30 युवक-युवतियों को विभिन्न कंपनियों के चयन-पत्र भी सौंपा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार पिछड़ा नहीं रहेगा। हम फिर आगे बढ़ेंगे। यहां के युवा हमारी पूंजी हैं। इनकी भागीदारी की बदौलत बिहार पुन: शीर्ष स्थान प्राप्त करेगा।
15 कंपनियों के साथ करार
भर्ती, प्रशिक्षण और तैनाती योजना के तहत 15 कंपनियों के साथ राज्य सरकार का करार हुआ है। आगे कंपनियों की संख्या और बढ़ेगी। कंपनियों द्वारा युवाओं के चयन कर उन्हें प्रशिक्षण दिया जाएगा। फिर उन्हें विभिन्न राज्यों और विदेश में भी नौकरी दिलाई जाएगी। दिव्यांगों को भी प्रशिक्षित कर रोजगार दिया जाएगा। श्रम संसाधन विभाग और बिहार कौशल विकास मिशन के तत्ववधान में उक्त योजना लागू की गई।
आत्मनिर्भर होंगे युवा : तेजस्वी
मौके पर उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि बिहार में 60 फीसदी आबादी युवाओं की है। इन्हें राज्य सरकार आत्मनिर्भर बनाना चाहती है। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा रोजगार युवाओं को दिलाया जाएगा। यहां के युवा देश-दुनिया में राज्य का नाम रोशन कर रहे हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि कंपनियों द्वारा जिन युवाओं को रोजगार दिया जा रहा है, वे उनकी उम्मीदों पर खरा उतरेंगे। मौके पर श्रम संसाधन मंत्री विजय प्रकाश, मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, विकास आयुक्त शिशिर सिन्हा समेत चंचल कुमार, दीपक कुमार सिंह आदि उपस्थिति थे।
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