भानुप्रतापपुर (छत्तीसगढ़) : दिव्यांगों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने लिए नगर में खोले गए समर्थ कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र में बच्चों को प्रैक्टिकल के नाम केवल थ्योरी पढ़ाई जा रही है। संस्था में कम्प्यूटर दिया गया है लेकिन प्रिंटर व इंटरनेट सुविधा नहीं है। प्रोजेक्टर लगाया गया है लेकिन इसका बोर्ड नहीं है। इससे बच्चों को पढ़ने-पढ़ाने में बड़ी समस्या हो रही है। प्रशिक्षण ले रहे प्रशिक्षार्थी ट्रेनरों को मांग करते हैं, लेकिन सुविधा उपलब्ध नहीं हो रही है।
कौशल विकास समर्थ प्रशिक्षण केंद्र अंतागढ़ रोड कान्हारगांव में संचालित है। यहां कम्प्यूटर और इलेक्ट्रिकल का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। लाखों खर्च के बावजूद सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है। यहां जो कोर्स चलाया जा रहा है उसमें तमाम खामियां है जिससे इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है न ही यहां के रहवासी दिव्यांगों को ठीक से भोजन मिल पा रहा है। केंद्र में लाखों रुपए खर्च कर फर्नीचर, कम्प्यूटर सहित प्रशिक्षण शुरू किया है। केंद्र में इलेक्ट्रिकल कोर्स के लिए चार महीने का प्रशिक्षण देना है। वहीं यहां आठ महीने से केवल थ्योरी पढ़ाई जा रही है। छात्र मानकलाल कोमरा ने बताया आठ माह से प्रशिक्षण ले रहे हैं लेकिन प्रैक्टिकल नहीं कराया जा रहा है। केवल थ्योरी पढ़ा रहे हैं। इससे सिर्फ समय बर्बाद हो रहा है। मुझे कक्षा में जाने के लिए व्हीलचेयर नहीं है। इससे कमरे में भी ट्राइसाइकिल से जाकर बैठने आदि में समस्या होती है।
प्रशिक्षण केंद्र आवासीय है। इसमें भोजन जो मिलता है वह स्तरहीन होता है। भोजन का कोई निर्धारित समय नहीं होता है। शिकायत करने पर संचालक प्रताड़ित करता है। प्रशिक्षण ले रहे छात्रों ने बताया कभी-कभी चावल भी ठीक से नहीं पका रहता। दाल में दाल नाममात्र पानी ज्यादा होता है। भोजन बाहर से बनाकर लाया जाता है। शिकायत पर भी कोई असर नहीं होता है।
कुंदन कुमार, एसडीएम भानुप्रतापपुर ने बताया कि कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र की समस्याओं के संबंध में जानकारी मिली है। इसे प्राथमिकता के तौर पर दूर किया जायेगा।
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