शिमला : हिमाचल के कॉलेजों में पहले ही साल बी-वोक (बेचुलर ऑफ वोकेशनल) डिग्री शुरू होने पर असमंजस मंडरा गया है। इसका कारण सत्र शुरू हो जाना आधी अधूरी तैयारियां बताया जा रहा है। अभी तक सिलेबस पूरी तरह फाइनल नहीं हुआ है। ईसी की मंजूरी मिलना बाकी है। एडमिशन के लिए प्रोस्पेक्टस नहीं छपे हैं। फैकल्टी भी तैनात नहीं की गई है। सूत्रों की माने तो कॉलेज प्रिंसिपल भी इस साल के बजाए अगले सत्र से शुरू करने की बात कार्यशाला के दौरान कर चुके हैं। उनका तर्क है कि कॉलेजों में एडमिशन 30 जून को बंद हो चुकी है। ढाई महीने से ज्यादा शैक्षणिक सत्र बीत चुका है।
अब एडमिशन करवाने पर पड़ेगा पढ़ाई पर असर
ऐसेमें अब एडमिशन करवाने से एक तो स्टूडेंट कम मिलेंगे, दूसरे जल्दी में सिलेबस पूरा करवाने से उनकी पढ़ाई पर असर पड़ेगा। कॉलेजों ने भवनों की कमी, फैकल्टी का भी तर्क दिया है। कॉलेजों का तर्क है कि पहले पूरी तैयारियां करनी चाहिए फिर प्रवेश प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। कॉलेजों में बी-वोक डिग्री शुरू करने को लेकर पिछले एक साल से तैयारियां चल रही थीं। इसको लेकर कार्यशालाओं का आयोजन भी हो चुका है। कॉलेज प्रिंसिपल से लेकर विवि प्रशासन को इस के बारे में बता दिया जा चुका है। कॉलेज भी फाइनल कर दिए गए हैं। फिर भी तय समय पर तो सिलेबस तैयार हुआ ही एडमिशन करवाई जा सकीं।
पढ़ाई के बाद मिलनी है नौकरी
वर्तमान शिक्षा प्रणाली से बेरोजगारों की भारी फौज तैयार हो रही है। ऐसे में सरकार ने विद्यार्थियों के लिए रोजगार प्राप्त करने में आसानी देने वाली डिग्री शुरू करने की पहल की है। वोकेशनल डिग्री के तहत छात्रों का कौशल विकास होगा।
इन कॉलेजों में होगी डिग्री
बिलासपुर,चंबा, हमीरपुर, नादौन, धर्मशाला, ढलियारा, पालमपुर कुल्लू, मंडी, जोगिंद्रनगर, सरकाघाट, एक्सीलेंस कॉलेज संजौली, रामपुर, सोलन, नाहन और ऊना डिग्री कॉलेज में वोकेशनल डिग्री शुरू की जानी है। एक विषय में अधिकतम 40 छात्रों को प्रवेश दिया जाएगा। एक साल में दो सेमेस्टर होंगे। तीन साल की डिग्री में छह सेमेस्टर होंगे। अगर कोई एक साल की पढ़ाई ही करता है तो उसे डिप्लोमा दिया जाएगा। दो साल पढ़ाई करने वालों को एडवांस डिप्लोमा और तीन साल की पढ़ाई करने वालों को डिग्री दी जाएगी।
दी थी जानकारी
उच्च शिक्षा विभाग और राज्य कौशल विकास निगम की ओर से इस संबंध में कार्यशाला का आयोजन किया गया था। कॉलेज प्रिंसिपलों को बी-वोक के बारे में अवेयर करने के लिए ये वर्कशॉप हुई थी। एडमिशन से लेकर इसके फायदे अन्य चीजों के बारे में उन्हें बताया गया था।
ऐसे मिलना था फायदा
सरकार ने तय किया है कि वोकेशनल डिग्री करने वाले विद्यार्थियों की इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग और पढ़ाई के बाद प्लेसमेंट दिलाने में प्रदेश कौशल विकास निगम मदद करेगा। बीए, बीएससी और बीकॉम में प्रवेश ले चुके विद्यार्थियों को विषय बदलने और बी वॉक के लिए दूसरे कॉलेज में जाने को माइग्रेशन सुविधा देने की बात भी कही थी।
पहले साल ये कोर्स शुरू करने की थी तैयारी
शिक्षाविभाग पहले साल दस जिलों किन्नौर और लाहुल स्पीति को छोड़कर अन्य जिलों के 16 कॉलेजों में बी-वोक डिग्री कोर्स शुरू करने की तैयारी में था। रिटेल मैनेजमेंट और हॉस्पिटेलिटी और टूरिज्म विषय को पहले साल शुरू करवाया जाना था। विभाग ने तय किया था कि सितंबर तक दाखिले करवा दिए जाएंगे। लेकिन अभी औपचारिकता काफी ज्यादा बाकी बची हुई है।
बड़ा सवाल: कहां से आएंगे स्टूडेंट
कॉलेजों में एडमिशन 30 जून को बंद हो चुकी है। यदि शिक्षा विभाग स्पेशल परमिशन देकर एडमिशन शुरू भी करता है तो स्टूडेंट कहां से आएंगे। स्टूडेंट बीए, बीएससी और बीकॉम के अलावा अन्य वोकेशनल या अन्य संस्थानों में एडमिशन ले चूके हैं। सभी संस्थानों में शैक्षणिक सत्र भी शुरू हो चुका है। ऐसे में विभाग यदि एडमिशन शुरू भी करता है तो स्टूडेंट काफी कम संख्या में दाखिले के लिए पहुंचेंगे। और दूसरे यह प्रश्न भी है कि क्या छात्रों की क्लासें और सिलेबस पूरा हो पाएगा।
इसलिए था जरूरी
नेशनल स्किल क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) के तहत प्रदेश के 743 के करीब स्कूलों में वोकेशनल कोर्स पढ़ाए जा रहे हैं। 9-12वीं कक्षा तक ये विषय शुरू किए गए हैं। कृषि, हेल्थ केयर, टेलीकॉम, रिटेल, पर्यटन, सुरक्षा, आइटीईएस विषय विभाग करवा रहा है। वोकेशनल विषय पढ़ चुके कई स्टूडेंट इस साल स्कूलों से पास आउट हो चुके हैं। इन्हें आगे की पढ़ाई के लिए बाहरी राज्यों का रुख करना पड़े इसलिए कॉलेज स्तर पर ये डिग्री शुरू की जा रही थी। लेकिन विभाग तय समय पर इसे शुरू नहीं करवा पाया।
^बी-वोक की डिग्री शुरू करने के लिए सभी तैयारियां पूरी हो चुकी है। सिलेबस तैयार है। सत्र शुरू होने में जरूर थोड़ी देरी हुई है। अगले सप्ताह तक इस पर अंतिम फैसला ले लिया जाएगा। डा.बी एल बिंटा, संयुक्त निदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग
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